दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 12 सितंबर को होंगे, नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 4 सितंबर
By भाषा | Published: August 21, 2019 05:08 PM2019-08-21T17:08:44+5:302019-08-21T17:13:56+5:30
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव: नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 4 सितंबर है और नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 5 सितंबर है।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 12 सितंबर को होंगे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 4 सितंबर है और नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 5 सितंबर है। विश्वविद्यालय ने कहा कि मतगणना की तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
पिछले साल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवारों ने तीन पदों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस समर्थित भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने एक पद जीता था।
इधर, एबीवीपी ने बुधवार को कहा कि उसने डूसू के अपने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्राधिकारियों से अनुमति मिलने तक कला संकाय के बाहर स्थापित सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और वीर सावरकर की आवक्ष प्रतिमाओं को डूसू कार्यालय में रखें। डूसू ने बिना अनुमति के कला संकाय के बाहर आवक्ष प्रतिमाएं स्थापित की थीं जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।
एबीवीपी के राज्य मीडिया प्रभारी आशुतोष सिंह ने कहा कि आवक्ष प्रतिमाएं डूसू की पहल पर स्थापित की गई थीं। एबीवीपी का मानना है कि ऐसा उचित मंजूरी के साथ किया जाना चाहिए। डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने कहा, ‘‘इस मामले को लेकर हमारी विश्वविद्यालय प्रशासन से बातचीत चल रही है।’’ विश्वविद्यालय से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। एबीवीपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उनके संगठन का स्पष्ट मानना है कि डीयू प्रशासन और अन्य संबंधित प्राधिकारियों की अनुमति मिलने के बाद ही विश्वविद्यालय परिसर में प्रतिमाएं लगाई जाएं।
उन्होंने कहा, ‘‘छात्र संघ प्रशासन से प्रतिमाएं लगाने की मांग लंबे समय से कर रहा था और प्रशासन को उसकी मांग पर विचार करना चाहिए था। इसी कारण छात्र संघ ने विरोध में ऐसा कदम उठाया।’’
पदाधिकारी ने कहा कि एबीवीपी ने छात्र संघ के पदाधिकारियों से स्पष्ट कहा है कि अनुमति मिलने तक प्रतिमाएं डूसू कार्यालय में रखी जाएं। प्रतिमाएं लगाने के कदम की कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई और वाम समर्थित आइसा ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सावरकर की प्रतिमा सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की प्रतिमाओं वाले स्थल पर नहीं रखी जा सकती।