दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों को पढ़ाया जा सकता है 'गुजरात दंगे' के बारे में, सिलेबस को लेकर छिड़ी बहस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 13, 2019 01:48 PM2019-07-13T13:48:56+5:302019-07-13T13:48:56+5:30
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि करिकुलम के इन हिस्सों की समीक्षा करने की योजना बनाई जा रही है। 15 जुलाई को समीक्षा को काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम के सिलेबस को स्टैंडिंग कमिटी से मंजूरी मिल गई है। सिलेबस को स्टैंडिंग कमिटी से मंजूरी मिलते ही एक नया विवाद छिड़ गया है। अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम के सिलेबस के अंग्रेजी डिपार्टमेंट के एक पेपर में 'गुजरात दंगों' पर एक केस स्टडी शामिल है। जिसको लेकर विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने विरोध किया है।
वहीं, इतिहास में सूफी संत अमीर खुसरो को सिलेबस से हटाने और डॉ. बीआर आंबेडकर पर करिकुलम कम करने पर भी ऐतराज जताया जा रहा है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि करिकुलम के इन हिस्सों की समीक्षा करने की योजना बनाई जा रही है। 15 जुलाई को समीक्षा को काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। 20 जुलाई से यूजी के फ्रेशर्स को नया करिकुलम क्लासों में पढ़ाया जाएगा।डीयू का नया करिकुलम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) की गाइडलाइंस पर तैयार किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में तीसरी कट-ऑफ जारी होने के बाद 52,000 से अधिक छात्र दाखिला ले चुके हैं। विश्वविद्यालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड के 42,547 छात्रों ने प्रवेश लिया है, जिबकि काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के 1,895 और स्कूल शिक्षा बोर्ड, हरियाणा के 1,182 छात्रों ने नामांकन कराया है। अन्य दो बोर्ड जो शीर्ष पांच की सूची में शामिल हैं, वो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान और माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश हैं, जिनके क्रमशः 821 और 637 छात्रों ने अब तक डीयू में दाखिला लिया है। अब तक, 52,822 छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रवेश ले लिया है।