20 छात्रों से ज्यादावाले प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स पर लगाम कसने की तैयारी में दिल्ली सरकार
By एसके गुप्ता | Published: October 15, 2020 10:13 PM2020-10-15T22:13:06+5:302020-10-15T22:13:06+5:30
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में देश भर के राज्यों से छात्र 'जेईई, नीट, कैट, यूपीएससी, एसएससी, रेलवे समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं।
नई दिल्लीः दिल्ली में चल रहे प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स पर दिल्ली सरकार ने लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार हजारों की तादाद में चल रहे इन कोचिंग संस्थानों को नियंत्रण में लाने की नीति बना रही है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इस साल फरवरी में बिल्डिंग बायलॉज जारी किया है। इसके अनुसार 20 या ज्यादा छात्रों वाले कोचिंग संस्थानों को एजुकेशनल बिल्डिंग के दायरे में रखा गया है। इसके आधार पर सरकार निजी कोचिंग संस्थानों की फीस, मूलभूत सुविधाएं, सुरक्षा मानकों को लेकर दिशानिर्देश तैयार कर रही है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में देश भर के राज्यों से छात्र 'जेईई, नीट, कैट, यूपीएससी, एसएससी, रेलवे समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। इससे दिल्ली में निजी कोचिंग संस्थानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये कोचिंग संस्थान एक तरह से समानांतर शिक्षा व्यवस्था चला रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह किसी भी नियंत्रण से बाहर है।
डीडीए के बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक सभी कोचिंग संस्थान जिनमें 20 या ज्यादा स्टूडेंट्स नामांकित हैं, उन्हें शिक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करना होगा। इससे निदेशालय को इन संस्थानों इंफ्रास्ट्रक्चर, क्षेत्रफल, मूलभूत सुविधाओं, फीस स्ट्रक्चर, सुरक्षा मानकों, आदि की जानकारी मिलेगी। जिसके बाद सरकार इन संस्थानों के नियंत्रण के लिए उचित दिशानिर्देश तैयार कर नीति बनाएगी। दिल्ली सरकार में सहायक निदेशक शिक्षा निदेशालय योगेश पाल सिंह ने कहा कि 'ये संस्थान जरूरी मानकों को पूरा किए बिना संचालित हो रहे हैं, जो स्टूडेंट्स के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। हमें गुजरात के सूरत में हुए कोचिंग अग्नि कांड हादसे से सबक लेकर इनके लिए सख्त नियम बनाने की जरूरत है। कोचिंग संचालकों की लापरवाही के कारण उस हादसे में 22 बच्चों की जान गई थी।'