संस्कृति मंत्री ने कहा- 'ब्रेसन की खिंची महात्मा गांधी की तस्वीर को हटाने का सवाल ही नहीं'
By भाषा | Published: January 18, 2020 01:30 PM2020-01-18T13:30:52+5:302020-01-18T13:30:52+5:30
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि ब्रेसन ने राष्ट्रपिता के अंतिम क्षणों की जो तस्वीरें खिंची हैं उनका डिजिटलीकरण किया जा रहा है
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने शुक्रवार को कहा कि गांधी स्मृति और दर्शन समिति में लगी जाने माने फोटोग्राफर हेनरी कार्टियर ब्रेसन द्वारा खिंची गई महात्मा गांधी के अंतिम क्षणों की मूल तस्वीर की जगह उनका प्रिंट लगाने का कोई सवाल ही नहीं है।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि ब्रेसन ने राष्ट्रपिता के अंतिम क्षणों की जो तस्वीरें खिंची हैं उनका डिजिटलीकरण किया जा रहा है और बिना किसी लिखित सामग्री के साथ उन्हें एलईडी स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है। इससे इन तस्वीरों के संदर्भ का पता नहीं चलता।
पटेल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘तस्वीरों को हटाने का कोई सवाल नहीं है। दोनों एलईडी स्क्रीन और तस्वीरें अलग-अलग जगहों पर एक ही समय में दिखाई जाएंगी।’’ पटेल ने कहा कि दर्शक एलईडी स्क्रीन पर तस्वीरों को देखेंगे जबकि बेहतर विस्तृत समझ के लिए फ्रांसीसी फोटोग्राफर की तस्वीरें भी दिखेगी।
30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या से करीब एक घंटा पहले ब्रेसन ने उनकी तस्वीरें खिंची थीं। उन्होंने महात्मा के अंतिम संस्कार की तस्वीरों के साथ आम लोगों के दुख को भी अपने कैमरे में उतारा था। बिरला हाउस के जिस हिस्से में संध्या वंदना के बाद नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मारी थी उसे संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है, जहां ब्रेसन की तस्वीरों के साथ महात्मा गांधी की अन्य यादगार वस्तुएं और तस्वीरें लगाई गई हैं।
बृहस्पतिवार को तुषार गांधी ने आरोप लगाया था कि इन तस्वीरों को हटाना ऐतिहासिक साक्ष्य को मिटाने के समान है। उन्होंने इसकी तुलना फ्रांस में लूव्रे संग्रहालय में लगी पुनर्जागरण काल की पेंटिंग को हटा कर उनका डिजिटलीकरण करने जैसा प्रयास बताया। गांधी स्मृति और दर्शन समिति के निदेशक दीपांकर श्री ज्ञान ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि प्रदर्शनी दीर्घा अब भी निर्माणाधीन है।