इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट के छात्रों के लिए बड़ी खबर, अंतिम वक्त में भी चुन सकेंगे सीट, ये है पूरी प्रक्रिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 18, 2020 09:23 AM2020-01-18T09:23:00+5:302020-01-18T09:23:00+5:30
मान लीजिए जैसे कोई छात्र इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना चाहता है तो उसके पास एक ही काउंसलिंग प्लेटफार्म पर आईआईटी से लेकर राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज की काउंसिलिंग में भी शामिल होने का विकल्प मिलेगा।
आईआईटी (IIT), एम्स (AIIMS) सहित नामी इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट कॉलेजों में भी अब सीटें खाली नहीं रहेंगी। राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने इसके लिए ई-काउंसलिंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। इस प्रक्रिया के जरिए अब लगभग सभी प्रमुख संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
एनआईसी (NIC) की महानिदेशक नीता वर्मा का कहना है कि ई- काउंसलिंग बेहद सफल प्लेटफार्म साबित हो रहा है। आईआईटी, एनआईटी (NIT), ट्रिपल आईटी (IIIT), नीट (NEET), जेई मेन (JEE), होटल मैनेजमेंट, फार्मेसी, पॉलीटेक्निक, एमबीए (MBA) के अब सभी एडमिशन ई-काउंसलिंग के जरिए होते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए जैसे कोई छात्र इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना चाहता है तो उसके पास एक ही काउंसलिंग प्लेटफार्म पर आईआईटी से लेकर राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज की काउंसिलिंग में भी शामिल होने का विकल्प मिलेगा। लेकिन वह मेडिकल या किसी अन्य क्षेत्र में जाने का इच्छुक है और आवश्यक शर्तें पूरी करता है तो वह साथ-साथ उन संस्थानों की काउंसलिंग में भी हिस्सा ले सकता है।
इससे सीटों के खाली रहने की समस्या तो खत्म होगी ही साथ ही छात्रों को बेहतर विकल्प चुनने का भी मौका मिलेगा। साथ ही छात्रों को प्रत्येक चरण के बाद छात्रों को खाली सीटों का पता चलता है। छात्र विकल्प बदलते रहते हैं, जिसके चलते प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने तक सीटें भरती और खाली होती रहती हैं। अब ई-काउंसलिंग से छात्रों को घर बैठे खाली सीट पर आवेदन का विकल्प मिल रहा है।
आपको बता दें कि आईआईटी, एनआईटी सहित तमाम कॉलेजों में अंतिम समय में सैकड़ों सीटें खाली रह जाती हैं जबकि हजारों योग्य उम्मीदवारों को मौका नहीं मिलता है। अब ई-काउंसलिंग के जरिए उन्हें आखिरी दिन और आखिरी मिनट तक सीट चुनने का मौका मिल रहा है।
ई- काउंसलिंग की सुविधा जेई मेन, जेई एडवांस, यूजीसी नेट, सीटैट, नीट, एनसीएचएम-जेईई, सीमैट, जीपैट, जेएनयू, एआरपीआईटी आदि में पूर्ण रूप से शुरू की जा चुकी है। करीब तीन हजार संस्थान, 35 राज्य शिक्षा बोर्ड इस प्लेटफार्म से जुड़े चुके हैं।