कोविड-19ः CBSE ने छात्रों को दी बड़ी राहत, कक्षा IX-XII का सिलेबस 30 प्रतिशत तक कम, स्कूल 16 मार्च से बंद

By एसके गुप्ता | Published: July 7, 2020 06:52 PM2020-07-07T18:52:52+5:302020-07-07T18:56:59+5:30

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा कि CBSE ने छात्रों को बड़ी राहत दी, कक्षा IX-XII का सिलेबस कम किया गया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने ट्वीट किया, ''देश और दुनिया में व्याप्त असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए सीबीएसई को पाठ्यक्रम संशोधित करने और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों पर से भार कम करने की सलाह दी गई थी।''

Central Board of Secondary Education brings big respite students reduces syllabus classes IX-XII | कोविड-19ः CBSE ने छात्रों को दी बड़ी राहत, कक्षा IX-XII का सिलेबस 30 प्रतिशत तक कम, स्कूल 16 मार्च से बंद

कोविड-19ः CBSE ने छात्रों को दी बड़ी राहत, कक्षा IX-XII का सिलेबस 30 प्रतिशत तक कम, स्कूल 16 मार्च से बंद

Highlightsकेन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को यह घोषणा की। मैंने इस फैसले पर, कुछ सप्ताह पहले शिक्षाविदों से सुझाव मांगे थे और मुझे खुशी है कि हमें डेढ़ हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। शिक्षा के महत्व के मद्देनजर मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है।

नई दिल्लीः केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 चलते पढ़ाई को हुए नुकसान के मद्देनजर 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

कोरोना काल में छात्रों के लिए राहत भरी खबर आ रही है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती कर दी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अकादमिक निदेशक इमेनुअल जोसफ ने कहा है कि तय 70 फीसदी पाठ्यक्रम से ही परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाएंगे।

इसके अलावा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सत्र 2020-21 की बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर आगामी नीट और जेईई मेन्स की परीक्षा देने वाले छात्रों को नए पाठ्यक्रम के अनुरूप ही प्रश्न पूछे जाएंगे। पाठ्यक्रम में की गई कटौती पूरे देश में लागू होगी।

सीबीएसई ने नए सत्र 2020-21 के लिए नया पाठ्यक्रम बोर्ड की वेबसाइट पर छात्रों और स्कूल प्रबंधन के लिए जारी कर दिया है। इससे पहले हाल ही में काउंसिल फोर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने भी अपने 10वीं और 12वीं के पाठ्क्रम में 25 फीसदी पाठ्यक्रम को घटाने की घोषणा की थी।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट  के माध्यम से कहा

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट  के माध्यम से कहा है कि लर्निंग एचीवमेंट के महत्व को ध्यान में रखते हुए और मुख्य अवधारणाओं को बनाए रखते हुए पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कटौती की गई है। यह कटौती तर्कसंगत है।

उन्होंने कहा है कि इस निर्णय में सहायता के लिए कुछ सप्ताह पहले सिलेबस फोर स्टूडेंट्स 2020 पर अभिभावक, शिक्षक और छात्रों से सुझाव मांगे गए थे। मुझे यह बताने में खुशी हो रही है कि पूरे देश से 1.5 के सुझाव प्राप्त हुए। जिसके बाद सीबीएसई ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में संशोधन करते हुए 30 फीसदी पाठ्यक्रम में कटौती की गई है। इससे छात्रों का भार कम होगा। यह सारी कवायद कोरोना काल में छात्रों की पढाई के नुकसान को ध्यान में रखकर की गई है। 

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को यह घोषणा की। निशंक ने ट्वीट किया, ''देश और दुनिया में व्याप्त असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए सीबीएसई को पाठ्यक्रम संशोधित करने और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों पर से भार कम करने की सलाह दी गई थी।''

उन्होंने लिखा, ''मैंने इस फैसले पर, कुछ सप्ताह पहले शिक्षाविदों से सुझाव मांगे थे और मुझे खुशी है कि हमें डेढ़ हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। इस शानदार प्रतिक्रिया के लिये सभी को धन्यवाद।'' उन्होंने कहा, ''शिक्षा के महत्व के मद्देनजर मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है।''

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देशभर के विश्वविद्यालय और स्कूल 16 मार्च से बंद हैं। कोविड-19 के चलते 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जो अगले दिन से लागू हो गया था। हालांकि सरकार कई तरह की पाबंदियों में ढील दे चुकी है, लेकिन स्कूल तथा कॉलेज अब भी बंद हैं।

गृह मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों को परीक्षाएं आयोजित कराने की दी अनुमति

ह मंत्रालय ने मौजूदा ‘अनलॉक दो’ चरण में विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थाओं को परीक्षाएं आयोजित कराने की अनुमति दे दी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने विश्वविद्यालयों और संस्थानों को परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने के लिए केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव को एक पत्र भेजा है

बयान में कहा गया है, ‘‘परीक्षाओं के संबंध में यूजीसी और विश्वविद्यालयों के अकादमिक कैलेंडर के दिशा-निर्देशानुसार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मंजूर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सालाना परीक्षाएं अनिवार्य रूप से आयोजित कराई जानी हैं।’’

कोरोना वायरस महामारी को काबू करने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। देश के विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाएं मार्च से टाली जा रही थीं। देश में अनलॉक चरणों के दौरान निरुद्ध क्षेत्रों को छोड़कर सभी इलाकों में कई गतिविधियों की अनुमति दे दी गई है, लेकिन स्कूलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य अकादमिक संस्थानों का नियमित संचालन शुरू नहीं हुआ है। 

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