CBSE ने किया 12वीं डेट शीट में बदलाव, जानें कब और किस तारीख को होंगे एग्जाम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 13, 2019 03:25 PM2019-01-13T15:25:16+5:302019-01-13T15:25:16+5:30
परीक्षा के प्रश्नपत्र बेशक दो तरह के होंगे लेकिन स्कूलों में पढाई वैसे ही होगी जैसी होती है उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) ने इस आयोजित होने वाले 12वीं कक्षा के डेट शीट में बदलाव किया है। सीबीएसई ने ऑफिशियल वेबसाइट पर नोटिफिकेशन जारी किया है। यहां छात्रों को सीबीएसई ने रिवाइस्ड डेटशीट प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि रिवाइस्ड डेट शीट को आप सीबीएसई की वेबसाइट cbse.nic.in पर जाकर देख सकते हैं। सीबीएसई ने करीब 7 एग्जाम की तारीखों में बदलाव किया है।
नए शेड्यूल के मुताबिक Informatics Practice (065) और कंप्यूटर साइंस (083) का एग्जाम अब 2 अप्रैल 2019 को होगा पहले यह एग्जाम 28 मार्च 2019 को आयोजित किया जाना था। इसी तरह फिलॉस्फी (040), एंटरप्रेन्योरशिप (066), ह्यूमन राइट्स एंड जेंडर स्टडिज (075), थिएटर स्टडिज (078) और लाइब्रेरी एंड इंफो साइंस (079) का एग्जाम अब 4 अप्रैल 2019 को आयोजित किया जाएगा। पहले यह एग्जाम 2 अप्रैल 2019 को आयोजित किया जाना था।
सीबीएसई अगले साल से दसवीं की बोर्ड परीक्षा में गणित से डरने वाले छात्रों को बडी राहत देने की तैयारी में है। बोर्ड अगले साल से गणित में दो तरह के प्रश्न पत्र लाएगा। इसमें से एक सामान्य या 'स्टैंडर्ड गणित' तो दूसरा सरल या 'बेसिक गणित' का प्रश्न पत्र होगा। सीबीएसईनिदेशक (अकादमिक) डा. इमेनुअल जोसेफ ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि गणित के फार्मूलों से डरने वाले छात्रों के लिए यह बडी राहत होगी। यह सुविधा अगले साल 2020 से ही उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए फार्म भरते समय स्कूल में गणित विषय की परफोरमेंस को ध्यान में रखकर 'स्टैंडर्ड गणित' और 'बेसिक गणित' में से किसी एक को चुनना है। परीक्षा के प्रश्नपत्र बेशक दो तरह के होंगे लेकिन स्कूलों में पढाई वैसे ही होगी जैसी होती है उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हर साल दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 15 लाख छात्र गणित विषय की परीक्षा देते हैं। इनमें से 10 लाख छात्र ग्यारहवीं में आते ही गणित विषय छोडकर किसी अन्य विषय को अपने मुख्य विषयों में शामिल कर लेते हैं।
छात्रों में गणित का डर दूर करने के लिए बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव का आधार राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रू परेखा (एनसीएफ) 2005 है। इसमें विषय विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों की राय थी कि छात्रों के मन से गणित का डर दूर करने के लिए इसे सामान्य और सामान्य से सरल परीक्षा पद्घति में लाना चाहिए। डा. जोसफ ने कहा कि नए बदलाव के तहत दसवीं में जो छात्र गणित में कमजोर हैं और आगे गणित पढना नहीं चाहते उनके पास यह विकल्प होगा कि वह 'बेसिक गणित' का विकल्प चुन बोर्ड परीक्षा दें।