सीबीएसई स्कूलों में कक्षा 1-10 तक सह शैक्षणिक क्षेत्र के रूप में कला शिक्षा होगी अनिवार्य
By भाषा | Published: September 14, 2019 01:19 PM2019-09-14T13:19:10+5:302019-09-14T13:19:10+5:30
कला को कक्षा एक से 12 तक की कक्षाओं के शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि पठन पाठन को रटने वाले तरीके से दूर किया जा सके और पाठ्यक्रम को समृद्ध बनाया जा सके ।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि कक्षा एक से 10 तक बोर्ड के स्कूलों में सह शैक्षणिक क्षेत्र के रूप में कला शिक्षा अनिवार्य होगी । बोर्ड की अध्यक्ष अनिता करवाल ने बताया, ‘‘ ‘कला समेकित शिक्षा प्रायोगिक ज्ञान की ओर पहल’ के तहत कक्षा एक से 10 तक कला शिक्षा को अनिवार्य बनाया गया है। ’’
उन्होंने कहा कि जब कला शिक्षा के साथ एकीकृत होती है तो यह अवधारणाओं और विषयों की गहन समझ के लिए बच्चों में कला अधारित जिज्ञासा, जांच एवं अन्वेषण, महत्वपूर्ण सोच और रचनात्मकता को आगे बढ़ाने में मदद करती है ।
सीबीएसई के कला प्रवेशिका दिशानिर्देशिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के उद्देश्यों को पूर्णत: प्राप्त करने के लिये कला एकीकरण अत्यंत आवश्यक प्रक्रिया है। इस पहल के तहत बोर्ड द्वारा जारी हस्तपुस्तिका में यह बताया गया है कि कला, पाठ्यक्रम के एक अभिन्न अंग के रूप में जारी रहेगी । एक सह शैक्षणिक क्षेत्र के रूप में कक्षा एक से 10 के लिये यह अनिवार्य होगी । विद्यालयों को यह निर्देश दिये जा रहे हैं कि वे माध्यमिक और उच्च मध्यमिक सतर पर विषयों के रूप में दृश्य और प्रदर्शन कला को बढ़ावा दें ।
कला को कक्षा एक से 12 तक की कक्षाओं के शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए ताकि पठन पाठन को रटने वाले तरीके से दूर किया जा सके और पाठ्यक्रम को समृद्ध बनाया जा सके ।
अधिकारियों ने बता गई हैं जिसमें कला प्रदर्शनी, भूमिका निर्वाह, वीडिया कि इस पहल को शैक्षणिक सत्र 2019-20 से अमल में लाने पर जोर दिया गया है जिसका उद्देश्य बच्चों को विभिन्न मीडिया और तकनीकों एवं उनके रचनात्मक उपयोग के लिये सार्थक प्रस्तुति से परिचित करना है। इसके तहत कला एकीकरण की गतिविधियां भी तैयार कीयो/ फिल्म तैयार करना, फोटोशाप एवं अन्य एप के माध्यम से डिजाइन तैयार करना शामिल है ।
इसके तहत कविता, कहानी, तस्वीरें बनाने के साथ ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा, मूर्तिकला, स्केचिंग, नृत्य प्रदर्शन शामिल है ।