कोरोना काल में 11-12वीं के छात्रों के लिए वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर जारी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए ऐसे कर सकेंगे पढ़ाई
By एसके गुप्ता | Published: June 3, 2020 05:30 PM2020-06-03T17:30:51+5:302020-06-03T17:30:51+5:30
एनसीईआरटी के लाइव यू-ट्यूब चैनल पर चलेंगी क्लासेज, बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़कर पढ़ाई करेंगे।
कोविड-19 की चुनौतियों के बीच केंद्र ने देश भर के कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर जारी किया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस कैलेंडर को बनाते समय नई तकनीकों एवं सोशल मीडिया के संसाधनों को प्राथमिकता दी गई है।
इससे छात्र-छात्राएं घर बैठे इन तकनीकों का प्रयोग कर रूचिपूर्ण ढंग से पठन-पाठन सुचारू रख पाएंगे। यह कैलेंडर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने बनाया है। जिसमें विभिन्न विषयों के साथ योग की कक्षाओं पर फोकस किया गया है। जिससे छात्र अपने मन और तन को चुस्त-दुरूस्त रख सकें। इससे पहले दसवीं कक्षा तक के लिए एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जा चुका है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस कैलेंडर को छात्र,अभिभावक और शिक्षकों की मदद के लिए बनाया गया है ताकि बच्चे रुचिपूर्वक अर्थपूर्ण शिक्षा ग्रहण कर सकें। इस कैलेंडर के माध्यम से अध्यापक विभिन्न तकनीकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करके घर से ही बच्चों को अभिभावकों की देख रेख में पढ़ा सकते हैं।
जिन लोगों के पास मोबाइल फोन या घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है और जो सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते हैं। ऐसे छात्रों के लिए वैकल्पिक कैलेंडर में शिक्षकों के लिए ये दिशानिर्देश हैं कि वह विद्यार्थियों को मोबाइल पर संदेश भेजकर या फोन कॉल करके उनका मार्गदर्शन करेंगे। इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में अध्यापक, अभिभावक और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढाई जारी रख सकते हैं।
एकेडमिक कैलेंडर में कक्षा 11 से कक्षा 12 तक के सभी विषय शामिल किए गए हैं। इसमें दिव्यांग छात्रों के सीखने की जरूरत का भी ध्यान रखा गया है। इसमें छात्रों को ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों के माध्यम से संबोधित किया जायेगा। कैलेंडर की खासियत यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों के सीखने को ध्यान में रखकर की गई है।
अभिभावक और अध्यापक छात्रों की प्रगति पर भी नजर बनाये रखेंगे और पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित करेंगे। कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ साथ योग भी शामिल किया गया है। तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं। कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है।