देशभर में 78 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने के कगार पर, इस अकादमिक सत्र में छात्रों को नहीं देंगे प्रवेश
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 20, 2019 08:20 AM2019-07-20T08:20:19+5:302019-07-20T08:20:19+5:30
परिषद के अधिकारियों ने कहा कि इस साल अब तक ऐसे 78 कॉलेजों ने क्रमिक रूप से बंदी का विकल्प चुना है. अकादमिक सत्र 2018-19 के दौरान 54 कॉलेजों ने क्रमिक रूप से बंद होने का विकल्प चुना था. 2017-18 के दौरान ऐसे कॉलेजों की संख्या 106 थी.
देशभर के 78 इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों ने इस अकादमिक सत्र में छात्रों को प्रवेश नहीं देने का फैसला किया है. बंद होने की तैयारी कर रहे इन कॉलेजों में सर्वाधिक 31 कॉलेज उत्तर प्रदेश जबकि दो महाराष्ट्र में हैं. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन कॉलेजों के बंद होने का विकल्प चुनने के मुख्य कारणों में प्रवेश के लिए कम आवेदन और धन की कमी शामिल हैं.
परिषद के अधिकारियों ने कहा कि इस साल अब तक ऐसे 78 कॉलेजों ने क्रमिक रूप से बंदी का विकल्प चुना है. अकादमिक सत्र 2018-19 के दौरान 54 कॉलेजों ने क्रमिक रूप से बंद होने का विकल्प चुना था. 2017-18 के दौरान ऐसे कॉलेजों की संख्या 106 थी.
उन्होंने बताया कि इन कॉलेजों ने नए छात्रों को दाखिला देना बंद कर दिया है. वे दाखिला ले चुके छात्रों की पढ़ाई पूरी होने तक संचालन जारी रखेंगे. इनमें से पंजाब के छह, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में पांच-पांच, उत्तराखंड, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और गुजरात में चार-चार, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा में ऐसे दो-दो कॉलेज हैं.
परिषद के आंकड़ों के अनुसार देशभर में 264 इंजीनियरिंग कॉलेज बिना उसकी मंजूरी के संचालित हो रहे हैं. आर्किटेक्चर के 116 कॉलेज भी बिना परिषद की मंजूरी के चल रहे हैं.