Zia ul Haq murder: डीएसपी जिया उल हक की हत्या?, 10 लोगों को उम्रकैद, दोषियों पर 195000 रुपये का जुर्माना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 10, 2024 10:41 AM2024-10-10T10:41:28+5:302024-10-10T10:43:39+5:30

Zia ul Haq murder: कुंडा के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी हक की प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां पुलिस थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी।

Zia ul Haq Murder DSP life imprisonment 10 people fine Rs 195000 culprits CBI court lynching of senior UP cop raja bhaiya plan chakravyuh kunda co | Zia ul Haq murder: डीएसपी जिया उल हक की हत्या?, 10 लोगों को उम्रकैद, दोषियों पर 195000 रुपये का जुर्माना

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Highlightsअदालत ने बुधवार को दोषियों पर कुल 1,95,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने हत्या कर दी थी।लाठी, डंडे और अन्य हथियारों से हमला किया।

Zia ul Haq murder: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2013 में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) जिया उल हक की हत्या के मामले में बुधवार को 10 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। लखनऊ में विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार की अदालत ने चार अक्टूबर को इस मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराया था। इस मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ​​राजा भैया की कथित भूमिका की भी जांच की गई थी। अदालत ने बुधवार को दोषियों पर कुल 1,95,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

यह घटना दो मार्च 2013 को तब हुई थी, जब कुंडा के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी हक की प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां पुलिस थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी। सीबीआई जांच के अनुसार, 2009 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के अधिकारी और कुंडा के क्षेत्राधिकारी हक बालीपुर प्रधान नन्हे यादव के घर गए थे। यादव की दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने हत्या कर दी थी।

अधिकारियों ने कहा कि यादव की हत्या से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई थी, क्योंकि उनके (यादव के) समर्थकों की भीड़ ने एक घर में आग लगा दी थी। आरोप लगाया गया था कि मृतक प्रधान के परिवार के सदस्यों और उनके समर्थकों ने पुलिस दल को दौड़ाया और उन पर लाठी, डंडे और अन्य हथियारों से हमला किया।

जब हक यादव के घर पहुंचे तो भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी। सीबीआई ने सात जून 2013 को 12 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें राजा भैया का नाम नहीं था। सीबीआई ने फूलचंद यादव, पवन कुमार यादव, योगेन्द्र यादव उर्फ ​​बबलू, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आश्रय, मुन्ना पटेल, शिव राम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ ​​बुल्ले पाल और सुधीर यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे के दौरान योगेन्द्र यादव उर्फ ​​बबलू की मौत हो गई।

सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि विशेष अदालत ने 10 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि सुधीर यादव को बरी कर दिया गया था। हक की पत्नी परवीन आजाद द्वारा हत्या में राजा भैया और चार अन्य लोगों की संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था।

सीबीआई ने हत्या से संबंधित दो मामलों की जांच शुरू की थी, जिनमें से एक पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा था और दूसरा आजाद की शिकायत पर दर्ज किया गया था। हालांकि, एजेंसी ने आजाद की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।

Web Title: Zia ul Haq Murder DSP life imprisonment 10 people fine Rs 195000 culprits CBI court lynching of senior UP cop raja bhaiya plan chakravyuh kunda co

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