ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मजदूर पिता स्मार्टफोन नहीं खरीद पाया तो छात्रा ने की आत्महत्या

By भाषा | Published: September 9, 2020 07:30 PM2020-09-09T19:30:48+5:302020-09-09T19:30:48+5:30

छात्रा के पिता अविराम बाउली ने पुलिस को बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और बहुत मुश्किल से बेटी की फीस का प्रबंध कर पाते हैं।

Worker father commits suicide if he does not buy smartphone for online classes | ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मजदूर पिता स्मार्टफोन नहीं खरीद पाया तो छात्रा ने की आत्महत्या

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsअविराम ने कहा कि मेरी बेटी को कुछ समय से ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्मार्टफोन की जरुरत थी। छात्रा के पिता ने कहा कि वह परेशान थी क्योंकि मैं उसके लिए यह खरीद नहीं पा रहा था।बीए प्रथम वर्ष की छात्रा जयंती बाउली ने सोमवार रात को सरीपुकुरी इलाके के डाबरीपारा गांव में अपने घर में फांसी लगा ली।

जलपाईगुड़ी: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्मार्टफोन खरीदने में असमर्थ होने से दुखी होकर कॉलेज के 20 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। क्रांति पुलिस चौकी के प्रभारी अधिकारी दिलीप सरकार ने कहा कि मल्ली कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा जयंती बाउली ने सोमवार रात को सरीपुकुरी इलाके के डाबरीपारा गांव में अपने घर में फांसी लगा ली।

उसके पिता अविराम बाउली ने पुलिस को बताया कि वह एक दिहाड़ी मजदूर है और बहुत मुश्किल से बेटी की फीस का प्रबंध कर पाते हैं। अविराम ने कहा,‘‘मेरी बेटी को कुछ समय से ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्मार्टफोन की जरुरत थी।

वह परेशान थी क्योंकि मैं उसके लिए यह खरीद नहीं पा रहा था। लेकिन क्या मुझे पता था कि वह ऐसा कुछ कर लगी नहीं तो मैंने कहीं से पैसे उधार लेकर फोन खरीद लिया होता।’’ पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है। 

नेटवर्क की बदहाली में उलझे बच्चे

भागलपुर से एक खबर सामने आई थी कि शहर के प्रतिष्ठित माउंट असीसि स्कूल का ऑनलाइन टेस्ट सोमवार से शुरू हुआ। परीक्षा शनिवार तक चलेगा। लेकिन, पहले दिन ही नेटवर्क की बदहाली में बच्चे उलझे रहे। ज्यादातर बच्चों को पोर्टल नहीं साथ नहीं दिया, कुछ के पोर्टल खुले भी नहीं। वहीं, कइयों का खुला भी तो प्रश्नों का उत्तर देने के बाद सुरक्षित (सेव) नहीं हो रहा था। जबकि कई बच्चों ने आधे-अधूरे ही जवाब दिए। ऐसे में बच्चों को काफी परेशान होना पड़ा। यह सिलसिला ढाई से तीन घंटों तक चलता रहा। बच्चे फोन कर अपने साथियों से इस समस्‍या का समाधन पूछ रहे थे।

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बना व्हाट्सएप ग्रुप बना मुसीबत

बता दें कि छात्रों के लिए ऑनलाइन की पढ़ाई कई तरह से मुसीबत बन रहा है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक खबर सामने आई कि यूपी बोर्ड के विद्यालयों में कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बने शिक्षिकाओं व छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप अब मुसीबत बनने लगे हैं।

इनमें अवांछनीय सामग्री व फोटो डालने के मामले सामने आए हैं। विद्यालयों ने मामले में सख्ती दिखाते हुए छात्राओं को ग्रुप से निकालने की अभिभावकों को चेतावनी दी है।
प्रधानाचार्यों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रुप की निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही इनकी रैंडम चेकिंग की जा रही है। मार्च से स्कूल बंद हैं। छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई अप्रैल से शुरू हुई थी। इसके लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं व छात्रों के कक्षावार व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं।

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या निर्मला शर्मा ने बताया कि शुरू में ग्रुप से जुड़ी कुछ छात्राओं के व्हाट्सएप से युवकों के फोटो तथा संदेश शिक्षिकाओं के पास आए। इस तरह के पांच-सात मामले आए थे। शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की गई थी।
 

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