कानपुर कांड: BJP मंत्री की सरेआम हत्या कर सुर्खियों में आया था विकास दुबे, बसपा से था कनेक्शन, जानें इस डॉन के बारे में सबकुछ
By पल्लवी कुमारी | Published: July 3, 2020 01:23 PM2020-07-03T13:23:20+5:302020-07-03T13:23:20+5:30
कानपुर शूटआउट का मास्टर माइंड विकास दुबे एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अपराधी है, जिसके सिर पर 25,000 रुपये का इनाम है। वह जिला पंचायत का पूर्व सदस्य भी है और उसके खिलाफ हत्या, डकैती के कम से कम 60 मामले दर्ज हैं।
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथ अन्य अपराधियों ने हमला किया। जिसमें आज (3 जुलाई) तड़के पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं। आठ पुलिस कर्मी घायल हो हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। इस पूरी घटना के बाद हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात अपराधी विकास दुबे चर्चा में आ गया है। पुलिस की टीम विकास दुबे को ही गिरफ्तार करने दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पहुंची थी। आइए जानें इस कुख्यात अपराधी विकास दुबे की आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे बहुजन समाज पार्टी में था सक्रिय
विकास दुबे हमेशा से ही राजनीतिक सरपरस्ती में पला बढ़ा है। यही वजह से ये इतने सालों से पुलिस की पकड़ से बच जाता था। यूं तो विकास दुबे के हर राजनीतिक पार्टी में संबंध थे लेकिन बहुजन समाज पार्टी (BSP) से किसका खास कनेक्शन था। बसपा पार्टी से जुड़ने के बाद विकास दुबे जिला पंचायत सदस्य भी रहा था। विकास दुबे बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय रहा और पूर्व प्रधान के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुका है।
प्रदेश से बीएसपी की सरकार जाने के बाद, वो मानों गायब सा हो गया था। इसके बाद विकास दुबे की पत्नी निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। आप उसके रसखू का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब वह जेल में बंद थे, तब उसने शिवराजपुर नगर पंचायत चुनाव जीता था। विकास दुबे के का काला कारोबार यूपी में कानपुर देहात से लेकर इलाहाबाद और गोरखपुर तक फैला है।
दर्जाप्राप्त श्रममंत्री की हत्या कर चर्चा में आया था विकास दुबे
विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में दर्जाप्राप्त श्रममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर सुर्खियों में आया था। यूपी में बीसपी और बीजेपी की सरकार थी और विकास दुबे में 2001 में शिवली थाने में घुसकर सरेआम ममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद वह फरार हो गया था। इसी घटना के बाद वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर दर्ज हैं 60 आपराधिक मुकदमे
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर यूपी के अलग-अलग थानों में 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पुलिस ने कई बार उसे गिरफ्तार करने की योजना बनाई थी लेकिन राजनीतिक पार्टियों के दबाव में पुलिस एनकांउटर करने से बचती रही। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विकास दुबे पर जिले के एक पूर्व सांसद का भी संरक्षण प्राप्त था।
एसएसपी कानपुर ने बताया है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने हाल ही में एक मर्डर किया था, इसी केस के सिलसिले में पुलिस टीम उसे पकड़ने के लिए गांव पहुंची थी। कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ हाल ही में एक मामला दर्ज कराया था।
बिजनेसमैन दिनेश दुबे और इंटर कॉलेज के अधिकारी की हत्या में भी विकास दुबे का नाम
विकास दुबे का नाम साल 2000 में, कानपुर के शिवाली थाना क्षेत्र में ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे की हत्या में भी आया था। विकास दुबे पर आरोप यह भी है कि उसने उसी साल शिवली थानाक्षेत्र में ही रामबाबू यादव की हत्या की साजिश जेल के भीतर रहकर रची थी।
साल 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। इसके अलावा साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
बावरिया गिरोह ने की थी विकास दुबे के भाई की हत्या
विकास दुबे के भाई के छोटे अविनाश दुबे की हत्या बावरिया गिरोह ने की थी। जिसके बाद बावरिया गिरोह से विकास दुबे का छत्तीस का आंकड़ा चलता है। भाई की हत्या और परिवारिक विवाद के चलते विकास दुबे कमजोर पड़ गया था। इसी बीच उसके साले राजू खुल्लर ने सहारा दिया था। राजू खुल्लर का भी अपराधिक इतिहास है।
एसटीएफ ने किया था विकास को गिरफ्तार
विकास दुबे को एसटीएम ने लखनऊ से गिरफ्तार करके स्प्रिंग फील्ड रायफल, 15 कारतूस व मोबाइल फोन बरामद कए थे। साल 2013 में विकास को कानपुर पुलिस ने पकड़ा था, तब उस पर 50 हजार का इनाम था।