विकास दुबे कैसे पहुंचा था कानपुर से उज्जैन, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने दी पूरी जानकारी

By भाषा | Published: July 12, 2020 03:48 PM2020-07-12T15:48:20+5:302020-07-12T15:48:20+5:30

कुख्यात अपराधी विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह कानपुर के भौती इलाके में उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ के साथ हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया था।

Vikas Dubey came by bus to Ujjain, nobody gave protection, say Ujjain Superintendent of Police | विकास दुबे कैसे पहुंचा था कानपुर से उज्जैन, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने दी पूरी जानकारी

विकास दुबे को 9 जुलाई को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। (फाइल फोटो)

Highlightsविकास दुबे इस मुठभेड़ से एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश स्थित उज्जैन बस से आया था।पुलिस ने बताया कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि उसे उज्जैन में किसी ने संरक्षण दिया था।उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने विकास दुबे के कानपुर के उज्जैन पहुंचने की पूरी जानकारी दी है।

उज्जैन।उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस के साथ हुए कथित मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अपराधी विकास दुबे इस मुठभेड़ से एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश स्थित उज्जैन बस से आया था और अब तक ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि उसे उज्जैन में किसी ने संरक्षण दिया था। उसे उसी दिन नौ जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिस दिन वह उज्जैन पहुंचा था।

उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने शनिवार रात को यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारी जांच में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि वह राजस्थान के अलवर से राजस्थान परिवहन निगम की बस से झालावाड़ आया। झालावाड़ से बाबुल ट्रैवल्स कि बस से आठ जुलाई की रात में नौ बजे चला है और सीट नंबर छह पर बैठकर नौ जुलाई के तड़के तीन बजकर 58 मिनट पर उज्जैन के देवास गेट बस स्टैंड पर बैग के साथ उतरा।’’

उन्होंने कहा कि वहां से दुबे एक ऑटोरिक्शा करके उज्जैन के महाकाल मंदिर गया और मंदिर के पास उसने होटल खोजने का असफल प्रयास किया। उसके बाद वह सीधे पास में स्थित रामघाट गया और रामघाट में स्नान करके लोगों से महाकाल मंदिर खुलने और दर्शन करने का समय पूछा।

फूल बेचने वाले ने की सबसे पहले पहचान

सिंह ने बताया कि जब दुबे को मालूम हुआ कि मंदिर दर्शन सुबह साढ़े सात बजे के आसपास हो पाएगा तो वहां से आकर वह महाकाल मंदिर परिसर के बाहर फूल बेचने वाले सुरेश माली ऊर्फ सुरेश कहार की दुकान पर पहुंचा और उससे प्रसाद एवं फूल खरीदा। सुरेश ने उसे सबसे पहले पहचाना और उसकी दी गई सूचना के आधार पर ही दुबे को नौ जुलाई को बाद में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर हमने बहुत गंभीरता से जांच की कि विकास दुबे उज्जैन कैसे और किस रास्ते पहुंचा और क्या कोई संगठन उसके पीछे तो नहीं था?

सिंह ने बताया कि इसके लिए हमने करीब 11 टीमें बना कर पूरी खोजबीन की और उज्जैन में जितने भी सीसीटीवी कैमरे, लॉज, होटल एवं धर्मशालाओं सभी में सघन जांच कराई, जिसके माध्यम से पता चला कि उज्जैन कैसे पहुंचा। उन्होंने कहा कि दुबे ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि वह एक दिन पहले उज्जैन आ गया था और उज्जैन में किसी जगह ठहरने की बात भी की थी। लेकिन जो भी बातें विकास दुबे ने पूछताछ में पुलिस को बताई थी, उनमें से कोई बात अब तक सत्य साबित नहीं हुई हैं। उसने जो भी बताया था अपने को बचाने के लिए बताया था।

संरक्षण दिए जाने की बात साबित नहीं हुई

सिंह ने बताया कि हमारी खुफिया एजेंसी, महाकाल में लगी हमारी सुरक्षा कर्मचारियों चाहे वे निजी सुरक्षा गार्ड हों या पुलिस के जवान हों ने बहुत की सक्रियता दिखाई और आप सबके सहयोग से उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को धर दबोचने में सफलता हासिल की। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक जांच में किसी भी व्यक्ति, अधिकारी-कर्मचारी के द्वारा उसको संरक्षण दिये जाने की बात साबित नहीं हुई है। इसके बावजूद हमारी जांच जारी है। जब भी जांच में नये तथ्य आएंगे, हम आपको जरूर बताएंगे।’’

Web Title: Vikas Dubey came by bus to Ujjain, nobody gave protection, say Ujjain Superintendent of Police

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