फर्जी एनसीबी अधिकारी बनकर शातिर ठगों ने फिल्म निर्देशक से जबरन वसूले 1 लाख रुपये, पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार, तीन फरार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 19, 2022 11:23 PM2022-06-19T23:23:50+5:302022-06-19T23:29:16+5:30
मुंबई में 6 शातिर ठगों ने खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का फर्जी अधिकारी बताकर एक सहायक फिल्म निर्देशिक से 1 लाख रुपये की ठगी कर ली।
मुंबई: बॉलीवुड में मुंबई पुलिस से ज्यादा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का खौफ है। इसकी झलक तब देखने को मिली जब 6 शातिर ठगों ने खुद को एनसीबी का अधिकारी बताते हुए एक सहायक फिल्म निर्देशिक से 1 लाख रुपये की ठगी कर ली।
समाचार वेबसाइट 'हिंदोस्तान टाइम्स' के मुताबिक पीड़ित ने जब पुलिस में खुद को ठगे जाने की शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने मामले की पड़ताल करते हुए फर्जी एनसीबी अधिकारियों को वसूली करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में डीएन नदर पुलिस के अधिकारी ने बचाया कि पुलिस ने रविवार को फर्जी एनसीबी अधिकारी के तौर पर धमकी देने और पीड़ित को ठगने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके नाम दीपक विलास जाधव, पंकजकुमार पाल और सचिन संतोष सिंह है।
गिरफ्तार हुए तीनों शख्स फिल्म निर्देशिका पर बॉलीवुड पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई का झूठा आरोप लगाकर उसे धमका रहे थे और जबरन पैसे वसूल रहे थे। आरोपी दीपक विलास जाधव, पंकजकुमार पाल और सचिन संतोष सिंह को पुलिस ने जोगेश्वरी में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से उस समय गिरफ्तार किया, जब पीड़ित से रंगदारी के रुपये लेने का इंतजार कर रहे थे।
इस मामले में पीड़ित ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज कराई है, उसके मुताबिक घटना पिछले हफ्ते बुधवार की है। जब पीड़ित अंधेरी के एक बार में अपने दोस्त के बार में पार्टी करके रात में करीब नौ बजे अंधेरी वेस्ट स्थित अंबोली अपने घर जाने के लिए बार से बाहर निकला। उस समय पीड़ित को दो ऑटोरिक्शा में सवार कुल 6 लोगों ने उन्हें रोका और खुद को एनसीबी का अधिकारी बताते हुए उसे ऑटो में बैठने के लिए कहा।
पुलिस के मुताबिक उन लोगों ने पीड़ित से कहा कि वो उसका बहुत देर से पीछा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सूचना मिली है कि वो बॉलीवुड पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई का काम कर रहा है। इसके बाद आरोपी फिल्म निर्देशक को अंधेरी-जुहू पुल के पास ले गए और उसे धमकी दी कि अगर उसने उन्हें 2 लाख रुपये नहीं दिये तो वो उसे गिरफ्तार कर लेंगे। पीड़ित ने बताया कि उस समय उसके पास न तो एटीएम कार्ड था और न ही कैश था।
पीड़ित ने कहा, "फिर एक आरोपी ने मेरे मोबाइल फोन से मेरे पिता को फोन किया और कहा कि अगर वह अपने बेटे को एनसीबी की गिरफ्तारी से बचाना चाहते हैं तो अंधेरी-जुहू पुल पर 2 लाख रुपये कैश लेकर आएं।"
पीड़ित ने कहा, “उस आदमी ने मेरे पिता को बताया कि उसका नाम पाटिल है और वह एनसीबी मुंबई डिवीजन के लिए काम कर रहा है। उसने धमकाने के लहजे में कहा कि अगर वो पैसे लेकर नहीं आये तो मुझे आर्यन खान की तरह जेल में सड़ा देंगे।”
पीड़ित के पिता बेटे को बचाने के लिए मौके पर पहुंचे लेकिन उनके पास 2 लाख रुपये नहीं थे, वो केवल 1 लाख रुपये लेकर पहुंचे थे। फर्जी अधिकारियों पीड़ित के पिता से 1 लाख रुपये लेते हुए कहा कि वो बाकी पैसों का दो दिनों में भुगतान करें या फिर वो उसके बेटे की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर देंगे।
इसके बाद आरोपियों ने गुरुवार को पीड़ित के पिता को फिर फोन किया और बाकी बचे 1 लाख रुपये के लिए पूछा। पिता ने उन्हें शनिवार तक की मोहलत मांगी। फोन पर बात करते हुए पीड़ित के के पिता को आरोपियों पर शक हुआ और उन्हें सीधे एनसीबी दफ्तर में फोन करके पूछा कि वहां पर कोई पाटिल नाम का शख्स तैनात है।
जिस पर एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि उनके यहां कोई भी पाटिल नाम का अधिकारी काम नहीं करता है। इसके बाद पिता-पुत्र सीधे डीएन नगर पुलिस थाना पहुंचे और वहां अधिकारियों से मिलकर इस फर्जीवाड़े का बारे में तफ्सील से जानकारी दी। जिसके बाद डीएन नगर पुलिस ने आरोपियों खिलाफ जाल बिछाया और उन्हें बाकि बचे पैसों की वसूली करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
मामले में डीएन नगर पुलिस स्टेशन का कहना है कि वो फरार अन्य तीन आरोपियों की तलाश कर रही है और वो भी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।