NCRB की रिपोर्ट में खुलासा, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे आगे, टॉप 6 में भी 5 बीजेपी शासित राज्य
By पल्लवी कुमारी | Published: October 22, 2019 09:56 AM2019-10-22T09:56:14+5:302019-10-22T09:56:14+5:30
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार तीसरे साल बढ़ोतरी हुई है। 2017 के मुकाबले 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,29,243 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किए गए थे।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) ने सोमवार (21 अक्टूबर) को साल 2017 में हुए अपराध संबंधी रिपोर्ट जारी कर दी है। 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59,849 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार तीसरे साल बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध में नंबर एक पर 56,011 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, जहां 31,979 मामले देखने को मिले हैं। पश्चिम बंगाल 30,002 मामले महिलाओं के खिलाफ हुए हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 29,778, राजस्थान में 25,993 और असम में 23,082 मामले दर्ज किए गए।
2017 के मुकाबले 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,29,243 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किए गए थे। महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों में हत्या, बलात्कार, दहेज हत्या, आत्महत्या के लिए उकसाना, एसिड हमले, महिलाओं के खिलाफ क्रूरता और अपहरण आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के अधिकांश मामलों को 'पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता' (27.9%) के बाद दर्ज किया गया था।
बीजेपी शासित राज्य महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध में शीर्ष पर
सबसे हैरानी वाली बात यह है कि केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक और तो बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देती है और दूसरी ओर महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध में जो राज्य सबसे शीर्ष पर हैं, उसमें यूपी (56,011) , महाराष्ट्र ( 31,979), पश्चिम बंगाल(30,002), मध्य प्रदेश (29,778,), राजस्थान( 25,993), असम ( 23,082) शामिल है, इसमें पश्चिम बंगाल को छोड़कर सारे राज्य बीजेपी शासित है।
एनसीआरबी आंकड़ा: हत्या के मामले में कमी
आंकड़े के मुताबिक 2017 में देश भर में संज्ञेय अपराध के 50 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। इस तरह 2016 में 48 लाख दर्ज प्राथमिकी की तुलना में 2017 में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। करीब एक साल की देरी के बाद 2017 के लिए वार्षिक अपराध का आंकड़ा जारी किया गया है । वर्ष 2017 में हत्या के मामलों में 5.9 प्रतिशत की गिरावट आयी।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में हत्या के 28653 मामले दर्ज किए गए जबकि 2016 में 30450 मामले सामने आए थे। इसमें कहा गया कि हत्या के अधिकतर मामले में ‘विवाद’ (7898) एक बड़ा कारण था। इसके बाद ‘निजी रंजिश’ या ‘दुश्मनी’ (4660) और ‘फायदे’ (2103) के लिए भी हत्याएं हुईं। वर्ष 2017 में अपहरण के मामलों में नौ प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी। उससे पिछले साल 88008 मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2017 में अपहरण के 95893 मामले दर्ज किए गए थे ।