उत्तर प्रदेश: दलित किशोरी से सामूहिक बलात्कार, दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
By भाषा | Published: September 22, 2019 05:37 PM2019-09-22T17:37:10+5:302019-09-22T17:37:10+5:30
इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर पीड़ित पक्ष से बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया और नारेबाजी की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उप निरीक्षक दीपक गुप्ता तथा एक हेड कांस्टेबल को लापरवाही के आरोप में लाइन हाजिर किया गया है। उन पर पीड़ित पक्ष से बदसुलूकी करने का आरोप है।
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले के सराय अकिल क्षेत्र में एक दलित किशोरी से साथ सामूहिक दुराचार तथा इस घटना का वीडियो बनाने का कथित मामला सामने आया है। घटना से नाराज ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर नारेबाजी की और मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि सराय अकिल थाना क्षेत्र के एक गांव में करीब 16 साल की एक दलित किशोरी पड़ोस के गांव में घास काटने गयी थी। आरोप है कि इसी दौरान दूसरे समुदाय के तीन युवक उसे जबरन सुनसान इलाके में ले गये और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया तथा साथ ही वारदात का वीडियो भी बना लिया।
उन्होंने बताया कि किशोरी की चीख सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने एक युवक को पकड़ लिया और उसकी पिटाई करने के बाद पुलिस को सौंप दिया। घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और लड़की को मेडिकल परीक्षण के लिये भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर पीड़ित पक्ष से बदसलूकी करने का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया और नारेबाजी की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उप निरीक्षक दीपक गुप्ता तथा एक हेड कांस्टेबल को लापरवाही के आरोप में लाइन हाजिर किया गया है। उन पर पीड़ित पक्ष से बदसुलूकी करने का आरोप है।
इसके अलावा थानाध्यक्ष मनीष पाण्डे की भी जांच का आदेश मंझनपुर के क्षेत्राधिकारी सच्चिदानंद पाठक को दिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (प्रयागराज) सुजीत पाण्डे ने रविवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिये पांच टीमें गठित करने के निर्देश दिये हैं।