योगी राज में कम हुआ उत्तर प्रदेश में क्राइम, DGP ने जारी किए आंकड़े 

By भाषा | Published: January 12, 2019 04:41 AM2019-01-12T04:41:50+5:302019-01-12T04:41:50+5:30

राज्य के पुलिस मुखिया ओम प्रकाश सिंह का दावा है कि सूबे में अपराधों का ग्राफ गिरा है। उन्होंने कहा- 2017 के मुकाबले 2018 में राज्य में अपराधों की संख्या में कमी आई है। ऐसा प्रभावशाली पुलिसिंग और किसी भी घटना पर त्वरित कार्रवाई किए जाने की वजह से हुआ है।

Uttar pradesh crime graph: UP DGP says falling crime rate in up | योगी राज में कम हुआ उत्तर प्रदेश में क्राइम, DGP ने जारी किए आंकड़े 

योगी राज में कम हुआ उत्तर प्रदेश में क्राइम, DGP ने जारी किए आंकड़े 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भले ही विपक्ष के निशाने पर हो लेकिन राज्य के पुलिस मुखिया ओम प्रकाश सिंह का दावा है कि सूबे में अपराधों का ग्राफ गिरा है।

सिंह ने 'भाषा' से बातचीत में यह दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में राज्य में अपराधों की संख्या में कमी आई है। ऐसा प्रभावशाली पुलिसिंग और किसी भी घटना पर त्वरित कार्रवाई किए जाने की वजह से हुआ है।

उन्होंने कहा "पिछले दो साल के दौरान उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ निश्चित रूप से गिरा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना, प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और हम प्रभावी पुलिसिंग और त्वरित कार्रवाई के बल पर आम जनता में सुरक्षा की भावना और विश्वास पैदा करने में कामयाब रहे हैं।" पुलिस महानिदेशक कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बलात्कार, हत्या, अपहरण और लूट की घटनाओं में जनवरी से दिसंबर 2017 के मुकाबले वर्ष 2018 में इसी अवधि में गिरावट आई है।

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 में राज्य में जहां बलात्कार के 4272 मामले सामने आए, वहीं साल 2018 में इसमें गिरावट आई और यह 3946 के आंकड़े तक रहा। इसी तरह जहां वर्ष 2017 में प्रदेश में हत्या के 4324 मामले हुए, वहीं वर्ष 2018 में यह संख्या 4018 रही।

इसके अलावा वर्ष 2017 में डकैती के 251 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2018 में इसमें 42.63% की गिरावट हुई और इस अवधि में 144 मामले ही दर्ज हुए। इसके अलावा लूट के मामलों में भी 22.1% की कमी आई।

फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में भी वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में 30.43% की कमी आई। इसके अलावा राहजनी, दहेज हत्या, हिंसक टकराव आदि की वारदातें भी कम हुई हैं।

हालांकि इस दौरान थानों में दर्ज मुकदमों की संख्या में 10.15% की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 में जहां 3,10,810 मुकदमे दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 3,42,355 रहा।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त कर दिया गया है और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के लिए मुठभेड़ की जा रही हैं जिसमें अनेक अपराधी मारे गए हैं। इससे प्रदेश में अपराधों का ग्राफ कम करने में काफी मदद मिली है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2017 से अब तक अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में 72 अपराधी मारे जा चुके हैं जबकि 7500 बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं। मुठभेड़ों में चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए वहीं 522 घायल हुए।

इस बीच, सपा नेता और विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने अपराधों में कमी आने के दावों पर सवाल खड़े किए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुकी है और आगामी लोकसभा चुनाव में वह उसे मुंहतोड़ जवाब देगी।

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