अपहृत बेटी की बरामदगी के लिए चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ने मांगे एक लाख रुपए, नहीं दिया रिश्वत, पिता ने दी जान, पढ़ें सुसाइड नोट
By भाषा | Published: April 13, 2021 09:59 PM2021-04-13T21:59:11+5:302021-04-13T22:02:04+5:30
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला क्षेत्र में पिता ने जान दे दी। अपहृत बेटी की बरामदगी के लिए दारोगा ने ओक लाख मांगे थे।
बरेलीः बरेली जिले के आंवला क्षेत्र में कथित रूप से अपहृत बेटी की बरामदगी के लिए दारोगा द्वारा मांगे गए एक लाख रुपए नहीं दे पाने पर एक व्यक्ति ने सोमवार को अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान ने बताया कि आंवला थाना क्षेत्र के मऊ चंद्रपुर गांव की रहने वाली एक किशोरी गत आठ अप्रैल को लापता हो गई थी। उसके पिता शिशुपाल ने उसके अपहरण की तहरीर रामनगर चौकी में दी थी। आरोप है कि चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ने उससे बेटी की बरामदगी के लिए एक लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।
उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का आरोप है कि रिश्वत के पैसों की व्यवस्था नहीं कर पाने से क्षुब्ध होकर शिशुपाल ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पता चलने पर चौकी प्रभारी दारोगा राम रतन सिंह और साथी सिपाही मौके पर पहुंच गए और शिशुपाल की जेब से सुसाइड नोट बरामद किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि सुसाइड नोट में शिशुपाल ने आत्महत्या के लिए दारोगा राम रतन सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। वह नोट पढ़ने के बाद सिंह ने उसे फाड़ कर अपनी जेब में रख लिया। इस पर परिजन और ग्रामीण भड़क गए और दारोगा तथा अन्य पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की।
साथ ही जेब में रखे सुसाइड नोट के टुकड़े भी छीन लिये। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना मिलने पर मिल प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह तथा आंवला, अलीगंज और सिरौली थाने का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, जिस पर ग्रामीणों ने पथराव किया। इसमें सिपाही धीरज और अर्जुन समेत कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी चमन सिंह चावड़ा ने नाराज लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सजवान ने बताया ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए चौकी प्रभारी राम रतन सिंह को हटा दिया गया है और उसके द्वारा एक लाख रुपये रिश्वत मांगे जाने के आरोप की जांच की जा रही है।
अगवा लड़की के पिता शिशुपाल ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उसकी बेटी आठ अप्रैल को सुबह शौच के लिए गई थी तभी बंटी, मुकेश तथा दिनेश मोटरसाइकिल पर बैठा कर उसका अपहरण कर ले गए।