उन्नाव रेप पीड़िता ने बयान में कही थी जो बात, वह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बदल गई
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: December 10, 2019 08:20 AM2019-12-10T08:20:00+5:302019-12-10T08:36:13+5:30
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने चाकू से वार और डंडे से हमले की भी बात कही थी लेकिन सफदरजंग अस्पताल में तैयार हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसा नहीं है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप और पीड़िता को जलाकर मार डालने के मामले में पुलिस को दिए गए बयान और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में तैयार हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अंतर है। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने चाकू से वार और डंडे से हमले की भी बात कही थी लेकिन सफदरजंग अस्पताल में तैयार हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसा नहीं है।
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, किसी ज्वलनशील पदार्थ से जलकर पीड़िता की मौत हुई और शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले। जबकि पीड़िता नें चाकू और डंडे से उसके ऊपर किए गए वार का अपने बयान में जिक्र किया था।
पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मामले की जांच कर रहे अधिकारियों तक आने में कई चरणों से गुजरेगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को सफदरजंग अस्पताल से सफदरजंग थाने और फिर दिल्ली के एसपी के पास भेजा गया है। दिल्ली से रिपोर्ट उन्नाव लाने के लिए पुलिस अधीक्षक ने विशेष वाहक को भेजा है।
दिल्ली पोस्टपॉर्टम रिपोर्ट उन्नाव आने पर मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गुरुवार (5 दिसंबर) की सुबह रेप पीड़िता को जिंदा जला दिया गया था। वारदात में सामूहिक बलात्कार का मुख्य आरोपी शामिल था। मुख्य आरोपी समेत पांच लोगों ने महिला को आग के हवाले कर दिया था। पीड़िता कथित तौर पर करीब एक किलोमीटर तक झुलती हुई हालत में पुलिस थाने पहुंची थी।
फौरी तौर पर पीड़िता को उन्नाव से ले जाकर लखनऊ में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे हवाई एंबुलेंस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। पीड़िता का शरीर 90-95 फीसदी तक झुलस चुका था।
इस वारदात और पीड़िता की मौत ने देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर लोगों के ीगुस्से में इजाफा किया। पीड़ित परिवार न्याय और उचित मुआवजे की मांग पर डटा रहा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से पीड़ित परिवार को राहत देने के आश्वासन के बाद पीड़िता का अंतिम संस्कार हो सका।