यूपी STF ने बड़े फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया, 10 लोग गिरफ्तार, अमेरिका से लेकर दुबई तक के लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 16, 2022 10:27 AM2022-07-16T10:27:11+5:302022-07-16T10:35:44+5:30

एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने बताया कि उनके पास हवाला के माध्यम से भारतीय मुद्रा में नकद आता था। किराए के खाते में डॉलर में पैसे जाते थे। फिर किराए पर खाता मुहैया कराने वाले कमीशन काटकर भारत में रुपये हस्तांतरित कर देते थे।

UP STF unearths fake international call center 10 people arrested noida | यूपी STF ने बड़े फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया, 10 लोग गिरफ्तार, अमेरिका से लेकर दुबई तक के लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार

यूपी STF ने बड़े फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया, 10 लोग गिरफ्तार, अमेरिका से लेकर दुबई तक के लोगों को ऐसे बनाते थे शिकार

Highlightsफर्जी दस्तावेज के आधार पर आरोपियों ने अलग-अलग नाम से कंपनियां बना रखी थींकॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों से संपर्क कर कंप्यूटर-लैपटॉप में वायरस डालकर ठीक करने का झांसा दिया जाता थाआरोपियों ने अमेरिका, कनाडा, लेबनान, ऑस्ट्रेलिया, दुबई से लेकर कई पश्चिमी देशों के लोगों से ठगी की है

नोएडाः उत्तर प्रदेश विशेष जांच दल (एसटीएफ) ने विदेशियों के लैपटॉप-कंप्यूटर में वायरस डालने के बाद फिर उसे ठीक कराने के नाम पर 170 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी करने वाले फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का खुलासा किया है और इस संबंध में शुक्रवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। एसटीएफ ने शुक्रवार को नोएडा सेक्टर-59 स्थित बी-36 में कथित कॉल सेंटर पर छापा मारा और गिरोह के सरगना सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया।

पकड़े गए आरोपियों के नाम

आरोपियों ने अमेरिका से लेकर दुबई तक के सैकड़ों लोगों से ठगी की बात स्वीकार की है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सेक्टर-44 निवासी करन मोहन, बेगमगंज गोंडा निवासी विनोद सिंह, सेक्टर-92 निवासी ध्रुव नारंग, सेक्टर-49 निवासी मयंक गोगिया, सेक्टर-15ए निवासी अक्षय मलिक, गढ़ी चौखंडी निवासी दीपक सिंह, गौड़ सिटी निवासी आहूजा पॉडवाल, दिल्ली निवासी अक्षय शर्मा, जयंत सिंह व मुकुल रावत के रूप में हुई है।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर आरोपियों ने अलग-अलग नाम से कंपनियां बना रखी थीं

सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर आरोपियों ने अलग-अलग नाम से कंपनियां बना रखी थीं। कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों से संपर्क कर कंप्यूटर-लैपटॉप में वायरस डालकर ठीक करने का झांसा दिया जाता था। तकनीकी सहयोग के नाम पर आरोपी अलग-अलग सॉफ्टवेयर से लैपटॉप-कंप्यूटर को हैक कर लेते थे और विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन खाते या क्रेडिट कार्ड की डिटेल चुराकर किराए पर लिए गए विदेशी खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते थे।

हवाला के माध्यम से भारतीय मुद्रा में नकद आता था

एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने बताया कि उनके पास हवाला के माध्यम से भारतीय मुद्रा में नकद आता था। किराए के खाते में डॉलर में पैसे जाते थे। फिर किराए पर खाता मुहैया कराने वाले कमीशन काटकर भारत में रुपये हस्तांतरित कर देते थे। उन्होंने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर का नेटवर्क दुनिया के कई देशों में है। आरोपियों ने अमेरिका, कनाडा, लेबनान, ऑस्ट्रेलिया, दुबई से लेकर कई पश्चिमी देशों के लोगों से ठगी की है। नोएडा के कॉल सेंटर में पचास से अधिक लोग रोजाना काम कर रहे थे। बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।

आरोपियों के पास से 12 मोबाइल, 76 डेस्कटॉप, 81 सीपीयू, 56 वीओआईपी डायलर, 37 क्रेडिट कार्ड  बरामद 

वीओआईपी कॉल का मतलब वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल होता है। उन्होंने बताया कि यह व्हाट्सऐप कॉलिंग जैसे काम करता है। इसकी रिकॉर्डिंग नहीं होती है। यह इंटरनेट कॉलिंग है। इसमें कहां से किसे फोन किया जा रहा है। पता नहीं लगता है। कॉल सेंटर से वीओआईपी कॉलिंग का सर्वर लगाकर विदेशियों के लैपटॉप-कंप्यूटर में वायरस डाला जाता था। इसके बाद, तकनीकी सहयोग के नाम पर उन लोगों से संपर्क कर लैपटॉप-कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर ऑनलाइन अकाउंट से भारतीय अकाउंट में रकम भेजी जाती थी। अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के पास से 12 मोबाइल, 76 डेस्कटॉप, 81 सीपीयू, 56 वीओआईपी डायलर, 37 क्रेडिट कार्ड समेत अन्य सामग्री बरामद की गई है। 

Web Title: UP STF unearths fake international call center 10 people arrested noida

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