UP: रेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को हाईकोर्ट से मिली जमानत, पॉक्सो एक्ट के तहत जेल में हैं बंद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2020 02:12 PM2020-09-04T14:12:13+5:302020-09-04T17:19:30+5:30
दुष्कर्म के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ जेल में बंद हैं। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।
नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद दो महीने की अंतरिम जमानत दी है।
लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला जमानत की याचिका दायर की थी।
Lucknow bench of Allahabad High Court grants bail to former state minister Gayatri Prasad Prajapati for two months, in a rape case. pic.twitter.com/jqdPdznufq
— ANI UP (@ANINewsUP) September 4, 2020
बता दें कि दुष्कर्म के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ जेल में बंद हैं। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की थी।
अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को कोर्ट ने पांच लाख रुपया के पर्सनल बांड तथा दो जमानतदारों की शर्त के साथ जमानत दी है। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने देश में कोविड-19 का हवाला देकर जमानत मांगी थी।
फिलहाल गायत्री प्रजापति का कानपुर के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज चल रहा है। इससे पहले भी गायत्री प्रजापति ने जमानत के लिए याचिका डाली थी लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया था।
कोर्ट के ही आदेश पर प्रजापति का केजीएमयू में इलाज हो रहा है। अब इस बार प्रजापति ने दलील दी है कि केजीएमयू के जिस विभाग में वह भर्ती है वहां उसे कोरोनावायरस से संक्रमण का खतरा है क्योंकि यह वार्ड कोरोना वार्ड के पास है।
इसके साथ ही बता दें कि अदालत ने प्रजापति से कहा है कि वह जमानत के दौरान पीड़िता और उसके परिवार तथा गवाहों को न तो किसी भी प्रकार से धमकायेंगे और न ही गवाहों को किसी तरह से मजबूर करेंगे।
जमानत याचिका पर बहस करते हुये उनकी वकील रूकमिणी बोबड़े और एस के सिंह ने अदालत से कहा कि प्रजापति निर्दोष थे और उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि अदालत के समक्ष पेश किये गये साक्ष्य और डाक्टर के बयान अभियोजन पक्ष की बातों का समर्थन नही करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रजापति गंभीर रोगों से पीड़ित हैं जिसका इलाज न तो जेल अस्पताल में है और न ही किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविदयालय में। प्रजापति की वकील ने मांग की कि उन्हें बेहतर इलाज के लिये कुछ समय की खातिर रिहा कर दिया जाये।
जमानत याचिका का विरोध करते हुये सरकारी वकील ने कहा कि प्रजापति का उचित इलाज किया जा रहा है । सारे तथ्यों को ध्यान में रखते हुये अदालत ने प्रजापति को दो माह की अंतरिम जमानत दे दी।
प्रजापति के खिलाफ लखनऊ के गौतम पल्ली पुलिस थाने में 2017 में मामला दर्ज किया गया था और उसके बाद 15 मार्च 2017 को उन्हें जेल भेज दिया गया था। इससे पहले प्रजापति को सत्र अदालत से जमानत मिली थी लेकिन उनके जेल से रिहा होने के पहले ही उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत रदद कर दी थी।