मुरादाबाद में सामने आया अजब मामला, जीजा की जगह साला करता रहा पुलिस में पांच साल नौकरी, दोनों गिरफ्तार
By दीप्ती कुमारी | Published: June 20, 2021 01:23 PM2021-06-20T13:23:16+5:302021-06-20T13:23:16+5:30
मुरादाबाद पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में कांस्टेबल और उसके साले को गिरफ्तार कर लिया है। उनपर विभिन्न आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया । कांस्टेबल ने अपनी जगह अपने साले को नौकरी के लिए भेज दिया था ।
मुरादाबाद: यूपी के मुरादाबाद में पुलिस ने 2011 बैच के एक कॉन्स्टेबल और उसकी पत्नी के भाई को गिरफ्तार किया है। दरअसल जांच में पाया गया कि विभाग में कॉन्स्टेबल की जगह उसका साला 5 साल से अधिक समय से काम कर रहा था। वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने पर जांच के दौरान मामला प्रकाश में आया ।
पुलिस को पता चला कि ठाकुरद्वारा थाने के पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) में पिछले 5 साल से तैनात सिपाही अनिल कुमार का साला है।
मुजफ्फरपुर नगर निवासी अनिल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था । वहीं पुलिस ने शनिवार को उसके साले सुनील कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया । मुरादाबाद में कॉन्स्टेबल और उसके साले के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया ।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मुरादाबाद के एसपी विद्यासागर मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद दोनों को मुरादाबाद की स्थानीय अदालत में पेश किया गया,जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है । अनिल के पास बीएड डिग्री है । वही उसके साले ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है।
एसपी ने कहा कि हम ' सत्यापित कर रहे हैं कि अनिल पिछले 5 वर्षों के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में कार्यरत था । हमें यह भी पता चला है कि वह अपने साले को अपनी जगह पर काम करने के लिए 8 हजार रुपए भी देता था।
अधिकारी ने कहा कि पूछताछ करने पर कॉन्स्टेबल ने बताया कि उसकी पहली पोस्टिंग बरेली में थी । उसके बाद 2016 में उसे मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था । उसने सुनील को उसके स्थान पर काम करने के लिए अपने ट्रांसफर लेटर के साथ मुरादाबाद भेज दिया। साथ ही उसे पुलिस प्रशिक्षण कि कुछ बेसिक बातें भी बता दी और उसे सलाह दी कि वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाने से बचे।
दिसंबर 2016 में सुनील ने मुरादाबाद पुलिस लाइन में रिपोर्ट किया और अपने स्थानांतरण पत्र जमा किया। कुछ दिनों बाद उन्हें ठाकुरद्वारा थाने में स्थानांतरित करने से पहले बिलारी में तैनात किया गया था।
मिश्रा ने कहा कि अनिल ने बताया कि ' उसकी तबीयत ठीक नहीं थी इसीलिए उसने तय किया कि वह अपने स्थान पर अपने साले को मुरादाबाद भेजेगा । फिलहाल इस बात की जांच की जी रही है कि इन दोनों के साथ इस धोखाधड़ी में पुलिस विभाग से कोई भी तो शामिल नहीं था, जिसने यह बात छिपाने में इनकी मदद की हो।