'मुंह में बंदूक, लात-घूंसा, इलेक्ट्रिक शॉक व पेचकस से गोदा जा रहा था पापा को', 11 साल के बेटे ने बताया पिता को पुलिस वालों ने कस्टडी में कैसे मारा
By पल्लवी कुमारी | Published: October 17, 2019 12:16 PM2019-10-17T12:16:22+5:302019-10-17T12:16:22+5:30
प्रदीप तोमर की पुलिस हिरासत में हुई मौत: 30 अगस्त 2019 को लाखन गांव में एक महिला की लाश जली अवस्था में मिली थी। इसी के मर्डर केस में पूछताछ के लिए पुलिस ने प्रदीप को 13 अक्टूबर को हिरासत में लिया था।
हापुड़ जनपद के थाना पिलखुवा में 13 अक्टूबर की रात पुलिस हिरासत में एक किसान प्रदीप तोमर (35) की मौत हो गई थी। प्रदीप तोमर के 11 साल के बेटे पुलिस हिरासत में हुए हैवानियत के बारे में मीडियो को बताया है। बेटे ने कहा कि उसके पिता को पुलिस वाले बिना रूके लात-घूंसों से पीट रहे थे, उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक दे रहे थे। पेचकस से उनके शरीर को गोदा जा रहा था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए कोतवाल सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। प्रदीप तोमर को एक मर्डर केस में पूछताछ के लिए पुलिस थाने बुलाया गया था। 30 अगस्त को लाखन गांव में एक महिला की लाश जली अवस्था में मिली थी। इसी मामले में प्रदीप तोमर को पुलिस ने तलब किया था।
अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक प्रदीप तोमर का 11 साल का बेटा मौत वाले दिन अपने पिता के साथ था। घटना वाले दिन प्रदीप तोमर 13 अक्टूबर शाम घर से निकले थे। उन्होंने घर से निकलते वक्त अपनी पत्नी को कहा था कि छोटे भाई की बाइक पंक्चर हो गई है। उसे लेने जा रहा था घर जल्दी आ जाउंगा। प्रदीप जैसे ही अपने घर से बेटे के साथ निकला, रास्ते में ही उसे पुलिस वालों ने हिरासत में ले लिया और बेटे को भी पुलिस थाने ले गई।
बेटे का दावा- पिता रो रहे थे, पुलिस वाले दे रहे थे इलेक्ट्रिक शॉक
बेटे ने बताया कि उसके पिता पुलिस से अपनी जान की भीख मांग रहे थे। लेकिन उन्होंने उनको पीटना बंद नहीं किया। बेटे ने बोला कि पुलिस वाले पाप को लात-घूंसों से मार रहे थे, वो भी बिना रूके। लकड़ी के डंडे से पिटाई कर रहे थे। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए जा रहे थे। पिता के पीटते वक्त कुछ पुलिस वाले उन्हें बार-बार पेचकस से गोद रहे थे।
बेटे ने यह भी कहा है कि जब पिता की हालात बहुत खराब हो गई थी तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका सही से इलाज भी नहीं किया गया है। अस्पताल में उनको बस एक रूम में बंद कर दिया गया था।
बेटे ने यह भी दावा किया है, पिता के मुंह में पिस्तौल रखकर उनको धमकी दी जा रही थी। उसके बाद पुलिस वालों ने मुझे एक चिप्स का पैकेट देकर कहा बाहर जाकर बैठने को और बोला की ये बात मैं किसी को ना बताऊं।
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि घटना के संबंध में मृतक प्रदीप तोमर को कोतवाली लाया गया था। पूछताछ के दौरान उसकी हालत खराब हो गयी, जिसे उपचार के लिए मेरठ मेडिकल लाया गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि इस मामले में पिलखुवा कोतवाल, दारोगा व पुलिसकर्मी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।