उन्नाव रेप कांड : CBI ट्रक ड्राइवर और कंडक्टर का करवाएगी नार्को टेस्ट, गुजरात के खास लैब में 12 घंटे तक चलेगा परीक्षण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 13, 2019 02:44 PM2019-08-13T14:44:02+5:302019-08-13T14:44:02+5:30
उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 28 जुलाई 2019 को कार-ट्रक की टक्कर में 19 साल की पीड़िता तथा उनके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। इस हादसे में पीड़िता के चाची और मौसी की मौत हो गई थी।
उन्नाव रेप पीड़िता के सड़क हादसे मामले में सीबीआई ने ट्रक ड्राइवर आशीष कुमार और कंडक्टर (जो सफाई करता है) मोहन श्रीवास का नार्को टेस्ट कराएगी। जो गुजरात के गांधीनगर में 13 अगस्त को होंगे। सीबीआई के लखनऊ कोर्ट ने इस बात का आदेश दिया है। सीबीआई की टीम गुजरात के गांधीनगर में स्थित एफएसएल लैब में ब्रेन इलेक्ट्रॉनिक ऑसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग (BEOSP) टेस्ट करवाएगी।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में 28 जुलाई 2019 को कार-ट्रक की टक्कर में 19 साल की पीड़िता और उनके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं। इस हादसे में पीड़िता के चाची और मौसी की मौत हो गई थी। रेप पीड़िता ने बीजेपी के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर उनके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है। घटना 2017 की है जब वह नाबालिग थी। जिसके बाद आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया था।
सीबीआई की टीम परीक्षण करने वाली टीम को इस केस से जुड़ी तमाम जानकारी दे रही है। सीबीआई की टीम गुजरात के गांधीनगर में स्थित एफएसएल लैब में ये टेस्ट 12 घंटे से ज्यादा देर करेगी। 14 अगस्त को भी इस टेस्ट से जुड़ा कोई काम होगा।
मामले की रिपोर्ट के लिए सीबीआई दोनों आरोपियों का मेमोरी रिकॉल टेस्ट और नार्को टेस्ट करवाना चाहती थी इसलिए दोनों आरोपियों को गांधीनगर स्थित लैब लाया गया था। इन शुरुआती टेस्ट के बाद नार्को टेस्ट के लिए कुल पांच दिनों के लिए जरूरत होगी। हालांकि अभी ये साफ नहीं कि नार्को टेस्ट की अनुमति सीबीआई को मिली है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिवार पर दर्ज मामलों में स्थिति रिपोर्ट मांगने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज 20 मामलों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश देने की मांग को मंगलवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति बी.आर गवई की एक पीठ ने कहा कि वह राज्य में उनके खिलाफ दायर मामलों का ना तो दायरा बढ़ाएंगे और ना ही उसमें हस्तक्षेप करेंगे। शीर्ष अदालत में इस मामले में पेश हुए एक अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली स्थानांतरित किए चार मामलों की सुनवाई प्रतिदिन यहां विशेष अदालत में जारी है। पीठ ने कहा कि वह उन्नाव मामले पर 19 अगस्त को सुनवाई करेगी।
उन्नाव पीड़िता के परिजनों के रहने खाने की व्यवस्था करे एम्स : कोर्ट
दिल्ली की एक कोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिजनों के रहने और खाने की व्यवस्था करे । पीड़िता अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत नाजुक है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विश्राम सदन के शासी निकाय को निर्देश दिया कि वह उन्नाव बलात्कार पीड़िता के परिजनों को कम से कम दो कमरे और तीन बार का खाना उपलब्ध कराये ।