उन्नाव पीड़िता के रोड एक्सीडेंट मामले में CBI ने FIR और चार्जशीट में किए अलग-अलग दावे, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
By पल्लवी कुमारी | Published: October 17, 2019 04:17 PM2019-10-17T16:17:28+5:302019-10-17T16:17:28+5:30
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता एक्सीडेंट: 28 जुलाई 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता की कार का रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें पीड़िता के दो रिश्तेदार की मौत हो गई थी। वहीं पीड़िता और वकील की हालत गंभीर थी।
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बारे में 19 अक्टूबर 2019 को दिल्ली के कोर्ट में सुनवाई होगी। उससे पहले सीबीआई उन्नाव मामले में किए गए एफआईआर और चार्जशीट को लेकर विवादों में घिर गई है। इंडिया टूडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ये दावा किया गया है कि उन्नाव पीड़िता के रोड एक्सीडेंट मामले में सीबीआई द्वारा बनाए गए चार्जशीट और एफआईआर में बड़ा फर्क है।
28 जुलाई 2019 को उन्नाव रेप पीड़िता की कार का रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें पीड़िता के दो रिश्तेदार की मौत हो गई थी। वहीं पीड़िता और वकील की हालत गंभीर थी। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले (11 अक्टूबर 2019) दो महीने की जांच के बाद एक्सीडेंट केस में चार्जशीट दायर की। लेकिन इस केस में सीबीआई ने जो पहले एफआईआर दर्ज की थी, उसके दावे दाखिल चार्जशीट से काफी अलग है।
इंडिया टूडे ने दावा किया है कि कार-ट्रक टक्कर को लेकर वहां जाकर स्थानीय लोगों ने पूछताछ की है। घटना के दो महीने बाद हादसे में शामिल कार और ट्रक, दोनों ही अतौरा बुजुर्ग पुलिस पोस्ट के पास खड़े हैं। वहां खड़े कार की हालत देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक्सीडेंट कितना भीषण हुआ होगा। कार हादसे वाले ट्रक के साथ ही खड़ा था। ट्रक के नंबर प्लेट पर कालिख पुती हुई थी।
एफआईआर में सीबीआई ने क्या दावा किया था?
मामले की जांच यूपी पुलिस से लेकर सीबीआई को दी गई थी। सीबीआई ने एफआईआर में दावा किया था कि ये एक महज रोड एक्सीडेंट नहीं था बल्कि पीड़िता और उसके परिवार को हत्या की साजिश से यह करवाया गया था। एफआईआर में बीजेपी ने निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इसके अलावा 9 और लोगों पर हत्या और हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया गया था।
चार्जशीट में सीबीआई ने क्या दावा किया है?
सीबीआई ने दो महीने की जांच के बाद 11 अक्टूबर 2019 चार्जशीट दायर की। चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि ये एक हादसा था। सीबीआई ने चार्जशीट में लिखा कि विधायक कुलदीप सेंगर ने उन्नाव रेप पीड़ित की हत्या के लिए हादसे की साजिश नहीं की। सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ हत्या के आरोप हटा दिया। चार्जशीट में सीबीआई ने विधायक पर सिर्फ आपराधिक धमकी का आरोप लगाया है।
हादसे से जुड़े ट्रक चालक आशीष कुमार पाल पर लापरवाही के चलते किसी की मौत की वजह बनने, किसी की जान जोखिम में डालकर उसे गंभीर चोट पहुंचाने, लापरवाही से वाहन चलाने से संबद्ध भादंसं की धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है। सीबीआई के आरोप पत्र में पाल के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
सीबीआई ने चार्जशीट और एफआईआर पर क्या कहा?
इंडिया टूडे के मुताबिक सीबीआई सूत्रों ने दावा कि है कि कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ उन्हें कोई भी पुख्ता सबूत नहीं मिले, जिससे ये साबित हो कि उन्होंने हादास जानकर करवाया है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सबूत, चश्मदीदों के बयान, तकनीकी और फॉरेन्सिक जांच के बाद हत्या की कोशिश का मामला नहीं दिखता।
उन्नाव पीड़िता के रोड एक्सीडेंट का पूरा मामला?
28 जुलाई को कार और ट्रक की टक्कर रायबरेली-कानपुर रोड पर सुल्तानपुर खेड़ा मोड़ के पास हुई है। सफेद मारूति डिजायर कार पर उन्नाव की दिशा से आ रही थी और ट्रक रायबरेली की दिशा से आ रहा था। दोनों के बीच कड़ी टक्कर हुई। कार में रेप पीड़िता, उसकी चाची, चाची की बहन और वकील महेंद्र सिंह सवार थे। हादसे में पीड़िता की चाची, चाची की बहन की मौत हो गई थी। वहीं पीड़िता और वकील महेंद्र सिंह की हालत काफी गंभीर थी।
जानें उन्नाव रेप कांड का पूरा मामला
जून 2017 में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसका रेप किया था। मामले में पहले तो यूपी पुलिस ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर लिखने से मना कर दिया था। लेकिन अप्रैल 2018 को पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।