उन्नाव रेप के आरोपी MLA कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश, पीड़िता के चाचा भी हैं इसी जेल में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 5, 2019 02:55 PM2019-08-05T14:55:05+5:302019-08-05T14:55:05+5:30
रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। एक्सीडेंट के चार दिन बाद भी पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर है।
उन्नाव रेप के पीड़िता के एक्सीडेंट मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेजने का फैसला किया गया है। दोनों को 7 अगस्त को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इससे पहले संभावना थी कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथी शशि सिंह को पांच अगस्त को दिल्ली की कोर्ट में पेश किया जायेगा। रायबरेली में हाल में हुए हादसे के मामले में हत्या के आरोपी बनाए गए उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को रविवार को सीबीआई की रिमांड पर सीतापुर जेल से दिल्ली रवाना किया गया था। रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। एक्सीडेंट के चार दिन बाद भी पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर है।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के मामले पर आज( 5 अगस्त) को सुनवाई करते हुये आदेश दिया है कि पीड़िता को एयरलिफ्ट करके दिल्ली ला जाये। अब इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। पीड़िता को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में एडमिट किया जायेगा। पीड़िता पहले लखनऊ के KGMU में भर्ती थी।
Unnao rape case: Delhi's Tis Hazari Court orders to shift accused Kuldeep Singh Sengar and co-accused Shashi Singh to Delhi's Tihar Jail; both to be produced before the court again on 7th August. https://t.co/kYIcFgWAHr
— ANI (@ANI) August 5, 2019
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीड़िता और वकील की हालत अब भी गंभीर है। लेकिन वो स्थिर हैं। उन्नाव रेप पीड़िता वेंटिलेटर के बिना सांस नहीं ले पा रही हैं। वहीं, वकील बिना किसी सहारे के सांस ले पा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहले ही पीड़िता के चाचा को रायबरेली की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी कीमत पर प्रत्यश या अप्रत्यश रूप से मीडिया में पीड़िता की पहचान सामने नहीं आनी चाहिए। मीडिया का दायित्व बनता है कि वो रेप पीड़िता की पहचान छिपाये रखे। कोर्ट ने सीबीआई कहा है कि इस मामले पर दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो और 45 दिन में ट्रॉयल पूरा किया जाए।
पीड़िता के एक्सीडेंट मामले में सेंगर समेत 10 नामजद तथा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने गत 1 अगस्त को इस मामले को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे।