पत्नी को तीन तलाक देने पर डॉक्टर पति के खिलाफ केस दर्ज, गुजरात में भी सामने आया पहला मामला
By भाषा | Published: August 23, 2019 12:29 PM2019-08-23T12:29:53+5:302019-08-23T12:29:53+5:30
मुस्लिम समुदाय में एक साथ तीन तलाक को दंडात्मक अपराध बनाने वाले कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट विचार करने के लिए सहमत हो गया है। नए कानून के तहत ऐसा करने वालों को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
मुजफ्फरनगर, जिले में एक दंत चिकित्सक के खिलाफ दहेज को लेकर अपनी पत्नी को फौरी तीन तलाक देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एक शिकायत के मुताबिक, मुजफ्फरनगर क्षेत्र के मुस्तफाबाद गांव की रहने वाली सायरा बानो को उसके पति ने दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर 16 अप्रैल को फौरी तीन तलाक दे दिया था।
पुलिस ने बताया कि ताहिर हसन के खिलाफ गुरुवार को नई मंडी पुलिस थाने में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। दिसंबर 2015 में शादी करने वाला यह दंपति दंत चिकित्सक है और इनका सहारनपुर जिले के देवबंद शहर में एक क्लीनिक है।
गुजरात में तीन तलाक कानून के तहत पहला मामला दर्ज
गुजरात के सूरत में फोन पर अपनी पत्नी को कथित तौर पर तलाक देने के लिए एक मुस्लिम व्यक्ति के खिलाफ नये तीन तलाक कानून के तहत बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया गया। पुलिस उपायुक्त पन्ना मोमाया ने बताया कि संसद में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के पारित होने के बाद गुजरात में इस कानून के तहत दर्ज होने वाला यह पहला मामला है।
महिला की शिकायत के अनुसार उसका पति मोहम्मद उर्फ वसीम पठान और उसकी मां पिछले डेढ़ वर्ष से उसके साथ बुरा बर्ताव कर रहे थे। उसने बताया कि झगड़े के बाद जून में पठान उसे उसके माता-पिता के घर ले गया और उसे वहां छोड़ दिया। महिला ने आरोप लगाया कि उसी रात उसने (पठान) उसे फोन किया और तीन बार तलाक बोल दिया। उसने बृहस्पतिवार को शिकायत दर्ज कराई है।