हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई से बिहार के सियासत में भी खुशी, कहा- दोषियों को मिलनी ही चाहिये ऐसी सजा, बिहार में भी हो कार्रवाई
By एस पी सिन्हा | Published: December 7, 2019 02:58 AM2019-12-07T02:58:58+5:302019-12-07T02:58:58+5:30
दिलमणि मिश्रा ने कहा कि ये काम पहले ही होना चाहिए था. जो दोषी है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए
हैदराबाद पुलिस के द्वारा महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के चारों आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराये जाने के बाद पुलिस की इस कार्रवाई पर बिहार की सियासत एक मंच पर दिख रही है. सभी दल के नेताओं ने हैदराबाद पुलिस की सराहना की है औऱ इस कार्रवाई को सही बताते हुए जनता को सुकून देने वाला बताया है. आरोपितों को मिली सजा से बिहार में जहां लोगों के बीच खुशी की लहर है वहीं बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने इस एनकाउंटर को सही ठहराते हुए कहा है कि पुलिस ने ठीक किया है, दुष्कर्मियों को सीधे गोली मार देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हैदराबाद पुलिस को धन्यवाद देती हूं
दिलमणि मिश्रा ने कहा कि ये काम पहले ही होना चाहिए था. जो दोषी है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए. मेरे सामने कई ऐसे मामले आते हैं कि मामले में दोषी पकडा जाता है और फिर छूट जाता है, उसके बाद वह पीडिता पर केस वापस लेने का दबाव बनाने लगता है कि केस वापस लो नहीं तो तुम्हें मार डालेंगे, तुम्हारे परिवार को खत्म कर देंगे. इस वजह से लडकियां, महिलाएं डरी-सहमी रहती हैं. लेकिन, हैदराबाद पुलिस ने जो दोषियों को सजा दी है ये काम पहले होना चाहिए था. आयोग अध्यक्ष ने कहा कि मैं हैदराबाद पुलिस को धन्यवाद देना चाहती हूं. इस एनकाउंटर की घटना के बाद महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी, अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ खुल कर अपनी बात रखेंगी. पुलिस ने एकदम ठीक किया है.
वहीं, पुलिस की इस कार्रवाई के बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने कहा कि बिहार में प्रतिदिन सैंकडों बलात्कार की घटनाओं के बारे में सुन व्यथित हो जाती हूँ. मैं नेता से पहले माँ हूँ. बिहार में सरकार पस्त, विधि व्यवस्था ध्वस्त और गुंडे-बलात्कारी मस्त है. अबतक मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपियों को सजा नहीं मिली है. नीतीश कुमार से कोई काहे नहीं सवाल पूछता? बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने वालों को निश्चित रूप से तय समय सीमा के अंदर कानूनन सज़ा मिलनी चाहिए.
राबडी देवी ने कहा कि बिहार में ऐसा घिनौना कार्य करने वालों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है. बिहार के मुख्यमंत्री ने सदा ऐसे आरोपियों को बचाया है. उन्होने कि हैदराबाद में जो हुआ वह अपराधियों के खिलाफ की गई एक बडी कार्रवाई है, हम इसका स्वागत करते हैं. बिहार में भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले बढ रहे हैं और यहां राज्य सरकार शिथिल है और कुछ नहीं कर रही है.
जबकि, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस केस में आरोपी अगर पकडे जाते तो अच्छा होता. उनका एनकाउंटर किस हालात में हुआ ये तो हमें पता नहीं है. लेकिन, कई जगहों पर ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अब पुरूषों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी, कडे कानून के बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं. लोगों को अपने बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है. वहीं जदयू नेता व सूबे के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने भी तेलंगाना पुलिस की इस कार्रवाई को उचित बताते हुए कहा कि इस घटना को लेकर पूरे देश में उबाल था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई जनता को सुकून देने वाली है. ऐसे अपराधियों के लिए सख्त सजा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह घटना मानवता को झकझोर देने वाली थी.
यहां बता दें कि हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद की गई हत्या कर शव जलाने का मामला सामने आने के बाद देश में गुस्सा था. इधर, बिहार के बक्सर और समस्तीपुर में हुई बिल्कुल वैसी ही घटी घटना के बाद अब लोग यह जानना चाहते हैं कि आरोपी कब पकडे जाएंगे? कब पुलिस उन मृत युवतियों को इन्साफ दिला सकेगी? क्योंकि इन दोनों मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. अबतक पुलिस शवों का शिनाख्त तक नहीं करा सकी है. हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बिहार के बक्सर और फिर दूसरे दिन समस्तीपुर में ठीक वैसी ही घटना को अंजाम दिया गया. लेकिन, इन मामलों में पुलिस अबतक आरोपियों को तलाश नहीं सकी है. बक्सर में जहां एक अधजली युवती की लाश मिली थी, जिसके साथ दुष्कर्म किए जाने के बाद हत्या कर पेट्रोल से जलाने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि उस मामले में पुलिस का कहना है कि जांच रिपोर्ट में दुष्कर्म की बात सामने नहीं आई है, युवती को अपनों ने ही जलाया है.
तो आखिरकार वो अपने कौन हैं और सामने क्यों नहीं आ रहे? जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया है, वो साफ इंगित कर रहा है कि उसके साथ पहले दुष्कर्म किया गया, फिर उसे जलाया गया. वहीं समस्तीपुर में भी एक युवती का अधजला शव बरामद किया गया. इस घटना में भी दुष्कर्म के बाद पेट्रोल से युवती को जिंदा जला दिया गया. हालांकि, पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रही. अब तक इस शव की भी पहचान नहीं हो सकी है.
वहीं, इस घटना के बाद अभी तक कोई सामने नही आया है. ऐसे में लोग यह जानने को बेताब हैं कि आखिर कहां हैं इन युवतियों के रिश्तेदार? अबतक किसी ने दावा भी नहीं किया है कि इनके परिवार अथवा संबंधी की हत्या हुई है. पुलिस के लिए दोनों मामले काफी उलझे हुए हैं क्योंकि दोनों शव सुनसान खेत से बरामद किए गए हैं और पूरे गांव में किसी ने इन शवों की अबतक पहचान नहीं की है. आखिर कौन हैं इन युवतियों के घरवाले?
किस वजह से इस तरह से इनकी हत्या की गई? एक ओर जहां सामूहिक दुष्कर्म की आशंका है तो फिर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में क्यों ये साफ नहीं हो पा रहा. पुलिस कबतक इन दोनों मामलों को सुलझाएगी? वहीं, बताया जाता है कि पटना में हर रोज 4 से 5 मामले किसी न किसी थाने या हेल्पलाइन में बलात्कार, छेडछाड या अपहरण के दर्ज होते हैं. 2019 में अब तक महिला उत्पीडन के 433 मामले महिला हेल्पलाइन में दर्ज हैं, जिसमे सबसे ज्यादा मामले डॉमेस्टिक वाइलेन्स के हैं जिनकी संख्या 268 है. दूसरे नंबर पर छेडछाड के मामले दर्ज हुए है, जो 95 है जबकि तीसरे नंबर पर दहेज उत्पीडन के मामले हैं जिनकी संख्या 56 है.