कश्मीर: नकली एनजीओ के नाम पर घाटी में चलती थी टेरर फंडिंग-आतंकियों की भर्ती, 6 आरोपी हुए गिरफ्तार
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 10, 2022 04:12 PM2022-11-10T16:12:37+5:302022-11-10T16:26:54+5:30
आरोपियों की गिरफ्तार के बाद यह खुलासा हुआ है कि वह उत्तरी कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के पांच अन्य लोगों के साथ ‘इस्लाही फलाही रिलीफ ट्रस्ट’ (आईएफआरटी) नामक एक नकली एनजीओ की आड़ में एक (आतंकी) फंडिंग रैकेट चला रहे थे। इस एनजीओ के जरिए गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मौद्रिक सहायता प्रदान करने का दावा किया जाता था।
जम्मू: कश्मीर में 6 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही टेरर फंडिंग और रिक्रूटमेंट माड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। पुलिस का कहना है कि ये लोग गरीबों की सहायता के नाम पर ट्रस्ट खोल रखे थे
लेकिन इसके जरिए वे आतंकियों की भर्ती किया करते थे।
पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में 6 आरोपी हुई है गिरफ्तार हुए है
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवाद विरोधी में अभियान में बड़ी सफलता मिली है। यहां पुलिस और सेना के 21 एवं 47 आरआर की टीम ने टेरर फंडिंग और रिक्रूटमेंट माड्यूल का भंडाफोड़ किया है। कुपवाड़ा जिले के चीरकोट इलाके के बिलाल अहमद डार से मिली जानकारी पर पुलिस और सेना ने संयुक्त अभियान शुरू किया था।
इस दौरान पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 5 पिस्टल, 10 मैगजीन, 49 पिस्टल गोला बारूद, 2 ग्रेनेड और एक आईईडी बरामद किया है।
आतंकियों के सक्रिय होने की पहले से थी जानकारी
कुपवाड़ा स्थित पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बीते कुछ समय से खबर मिल रही थी कि चीरकोट, कुपवाड़ा का रहने वाला बिलाल अहमद डार उत्तरी कश्मीर में सक्रिय और उस कश्मीर में बैठे आतंकी सरगनाओं के बीच एक अहम कड़ी की तरह काम कर रहा है।
उसने जो एनजीओ बना रखी है, वह फर्जी है और उसकी आड़ में वह आतंक का खेल खेल रहा है। इसके आधार पर बिलाल अहमद डार की गतिविधियों की निगरानी शुरु की गई थी।
भनक मिलते ही गायब हो गया था आरोपी
इस बीच, उसे लगा कि वह सुरक्षाबलों की निगाह में आ गया है और वह कथित तौर पर गायब हो गया। उसे पकड़ने के लिए सेना की 21 आरआर और 47 आरआर के जवानों ने पुलिस के साथ मिलकर नतनुसा व लोलाब में कुछेक जगहों पर छापेमारी की और उसे पकड़ लिया।
पुलिस द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि उसने कुपवाड़ा जिले के चीरकोट इलाके के बिलाल अहमद डार नाम के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद सेना के 21 और 47 आरआर के साथ बहुत ही गंभीर आतंकी फंडिंग और भर्ती माड्यूल का भंडाफोड़ किया है।
वक्तव्य के अनुसार, सेना और कुपवाड़ा पुलिस द्वारा कुपवाड़ा के सामान्य क्षेत्र नुनुसा और लोलाब इलाकों से व्यक्ति को पकड़ने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था।
नकली एनजीओ के नाम पर चलाता था फंडिंग रैकेट- आरोपी ने कबूला
गहन पूछताछ के बाद, व्यक्ति ने खुलासा किया कि वह उत्तरी कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के पांच अन्य लोगों के साथ ‘इस्लाही फलाही रिलीफ ट्रस्ट’ (आईएफआरटी) नामक एक नकली एनजीओ की आड़ में एक (आतंकी) फंडिंग रैकेट चला रहा था, जो गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मौद्रिक सहायता प्रदान करने का दावा करता था।
6 ओवरग्राउंड हाइब्रिड आतंकी वर्कर हुए गिरफ्तार
पुलिस प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि आतंकियों ने गरीब और बेसहारा लोगों की मदद के नाम पर फर्जी एनजीओ बना कर अपने खूनी खेल को आगे बढ़ाना शुरु किया था। आतंकियों की इस नयी साजिश का सुरक्षाबलों ने पर्दाफाश करते हुए उत्तरी कश्मीर में लश्कर, अल-बदर और जैशे मुहम्मद के छह ओवरग्राउंड हाइब्रिड आतंकी वर्करों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस का दावा है कि इस माड्यूल ने कई युवकों को आतंकवाद कीराह पर धकेला है।