जेल में आम कैदियों की तरह स्वामी चिन्मयानंद ने खायी दाल, रोटी और सब्जी, जानें बाकी के 13 दिन कैसे कटेंगे
By भाषा | Published: September 20, 2019 07:32 PM2019-09-20T19:32:25+5:302019-09-20T19:32:25+5:30
शाहजहांपुर मामला: स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने शुक्रवार दोपहर जिला कारागार में आम कैदियों की तरह दोपहर में दाल, रोटी और सब्जी खायी। चिन्मयानंद को सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित बैरक में रखा गया है। जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने 'भाषा' से फोन पर कहा, ''स्वामी चिन्मयानंद को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर कोतवाली के दरोगा राजकुमार लेकर आए थे जबकि रंगदारी मांगने वाले संजय समेत तीन आरोपियों को दो बजकर 55 मिनट पर जेल में दाखिल किया गया है।'' कुमार ने बताया कि स्वामी ने सभी कैदियों की तरह दोपहर के भोजन में दाल, सब्जी और रोटी खायी । फिलहाल उन्हें सुरक्षित बैरक में रखा गया है । उन्होंने बताया कि संजय और उनके दो साथियों को स्वामी चिन्मयानंद से अलग रखा गया है । 24 अगस्त को एक वीडियो के जरिए पीड़ित छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर रेप के आरोप लगाए थे।
जेल अधीक्षक ने कहा है कि स्वामी चिन्मयानंद को वही सुविधा मिलेगी, जो जेल के आम कैदियों को मिलती है। वही तख्त पर सोना, खाने में दाल-चावल और रोटी। सिर्फ उनको रहने के लिए अलग से बैरक दिया गया है। वो भी सिर्फ इसलिय ताकी वो सुरक्षित रहे।
यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को विशेष जांच दल की एक टीम ने 20 सितंबर की सुबह उनके आवास से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। एसआईटी की 23 सितंबर 2019 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने पेशी है
जानें क्या शाहजहांपुर यौन शोषण का मामला
स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को कथित तौर पर एक वीडियो वायरल कर चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण करने, कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने एवं खुद को तथा अपने परिवार को जान का खतरा होने की बात कही थी। इस मामले में पीड़िता के पिता ने कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था। लेकिन इससे एक दिन पहले चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने का मुकदमा पीड़िता के पिता के खिलाफ दर्ज करा दिया। इस बीच पीड़िता गायब हो गई। कुछ दिन बाद उसे राजस्थान से बरामद कर लिया गया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया।