स्वामी चिन्मयानंद केस: मामले की कड़ियां जोड़ने में जुटी एसआईटी, चिन्मयानंद मेडिकल कालेज में भर्ती

By भाषा | Published: September 18, 2019 08:08 PM2019-09-18T20:08:40+5:302019-09-18T20:08:40+5:30

स्वामी चिन्मयानंद केस: स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने एवं उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था ।

Swami Chinmayanand Case: SIT engaged in linking the case, admitted in Chinmayanand Medical College | स्वामी चिन्मयानंद केस: मामले की कड़ियां जोड़ने में जुटी एसआईटी, चिन्मयानंद मेडिकल कालेज में भर्ती

स्वामी चिन्मयानंद केस: मामले की कड़ियां जोड़ने में जुटी एसआईटी, चिन्मयानंद मेडिकल कालेज में भर्ती

Highlightsशीर्ष अदालत के निर्देश पर एसआईटी मामले की जांच कर रही है । पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था

स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में बुधवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कहा कि बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीडिता और चिन्मयानंद की ओर से दर्ज कराये गये मामलों की अभी कडियां जोडी जा रही हैं । एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने कहा, ''हमें 23 सितंबर तक पूरी जांच रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय को देनी है और वह इस विवेचना में दोनों मामलों में कड़ी से कड़ी जोड़ रहे हैं ।''

उन्होंने किसी को भी गिरफ्तार करने से इनकार किया । उधर, चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीडिता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद चिन्मयानंद की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार इंतजार कर रही है कि वह खुद ही मर जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी । इस बीच चिन्मयानंद की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से बुधवार को उन्हें शाहजहांपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया । मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एम पी गंगवार ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद को हालत खराब होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज लाया गया है, जहां उन्हें आठ नंबर वार्ड में भर्ती कर लिया गया है ।

उन्हें डॉक्टर ने देखा है और उन्हें आवश्यक दवाई दी गई है । गंगवार ने बताया कि स्वामी को बेचैनी और कमजोरी के अलावा दस्त की समस्या है। डॉक्टरों की एक टीम बनायी जा रही है, जो उनका उपचार करेगी । एसआईटी प्रमुख अरोड़ा ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मुख्य सचिव ने यह विशेष जांच टीम बनाई है । उन्होंने कहा कि अभी तक दोनों विवेचना अपराध संख्या 442 तथा 445 का हमारी टीम ने अवलोकन किया ।

पुलिस ने जो कार्रवाई की थी, वह भी देखी । उसके बाद योजना बनाकर कार्य शुरू किया गया है । अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने मुमुक्षु आश्रम परिसर देखा तथा कालेजों के प्राचार्य तथा स्टाफ, जिनकी आवश्यकता थी, उनको बुलाकर पूछताछ की गई । दोनों वादीगणों को भी बुलाया गया और उनके बयान दर्ज किए गए । उनसे जो भी आवश्यकता थी, प्रश्न भी किए गए तथा पीड़िता का बयान भी लिखा गया । उन्होंने बताया कि पीड़िता ने एक प्रार्थना पत्र दिल्ली पुलिस को दिया था । वह उन्हें प्राप्त हो गया है ।उसका संज्ञान लेते हुए उनकी टीम ने पीड़िता का 164 का बयान भी कराया है ।

अरोडा ने बताया कि मोबाइल पेन ड्राइव तथा गवाहों के मोबाइल को सीज कर उन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा गया है । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है । अरोड़ा ने कहा कि वायरल वीडियो तथा पेनड्राइव जैसे सबूत के तौर पर प्राप्त हुए वीडियो केन्द्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गये हैं । यह भी देखा जाएगा कि उसे एडिट या उसमें छेड़छाड़ तो नहीं की गई है ।

इसके बाद निर्णय लिया जाएगा । एसआईटी प्रभारी ने कहा कि हम मीडिया ट्रायल से घबराकर कार्य नहीं करेंगे । उन्होंने कई मीडिया संस्थानों का नाम लिए बिना कहा कि खबरों में तो संजय और चिन्मयानंद का आमना सामना तक करा दिया गया । उन्होंने कहा कि हम सभी बातों की निगरानी कर रहे हैं और हम इस बारे में भारतीय प्रेस परिषद को पत्र लिखेंगे ।

उधर पीड़िता ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान होने के तीसरे दिन भी ना तो बलात्कार और शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज की गई है और ना ही चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया है । उसने कहा कि ऐसे में सरकार अगर इंतजार कर रही है कि वह खुद मर जाए और उसके परिवार को कुछ हो जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी ।

पीड़िता के पिता का कहना है कि मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान होने के बाद भी चिन्मयानंद को गिरफ्तार न करना और उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज न करना कहां तक सही है । उसके पिता ने कहा कि विशेष जांच दल :एसआईटी: भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दे रहा है । ऐसे में वह अपनी बेटी और बेटे के साथ वकीलों से परामर्श करेंगे ।

उधर वायरल वीडियो में पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के प्रकरण में पीड़िता से चर्चा करते हुए दिखने वाले संजय सिंह तथा उनके दो साथियों को एसआईटी ने रविवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया था, जिन्हें आज तक अपने पास ही रोक रखा है । एसआईटी ने स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय जिस जमीन पर बना है, उसके अभिलेख, खसरा खतौनी आदि मांगे हैं ।

इसके अलावा कुछ छात्रों का शैक्षिक रिकार्ड भी मांगा है। गौरतलब है स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने एवं उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था ।

इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया था लेकिन इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था ।

इसके बाद पीड़िता को राजस्थान से बरामद कर लिया गया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया । शीर्ष अदालत के निर्देश पर एसआईटी मामले की जांच कर रही है । 

Web Title: Swami Chinmayanand Case: SIT engaged in linking the case, admitted in Chinmayanand Medical College

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