चिन्मयानंद मामला: शाहजहांपुर पीड़िता की जमानत याचिका पर जानें कोर्ट ने क्या दिया फैसला?
By भाषा | Published: October 22, 2019 04:28 PM2019-10-22T16:28:39+5:302019-10-22T16:28:39+5:30
स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फिरौती के एक मामले में आरोपी शाहजहांपुर की एलएलएम की छात्रा की जमानत याचिका पर एसआईटी और स्वामी चिन्मयानंद के वकीलों से अपना जवाब दाखिल करने को मंगलवार को कहा। छात्रा की जमानत याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने पारित किया। एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद की शिकायत पर छात्रा और उसके तीन मित्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। स्वामी चिन्मयानंद ने शिकायत की थी कि इन आरोपियों ने उनसे पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी और रकम नहीं देने पर आपत्तिजनक वीडियो जारी करने की धमकी दी थी।
छात्रा के वकील ने दलील दी कि छात्रा यौन शोषण की शिकार है और उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत हैं। हालांकि, छात्रा की जमानत याचिका का राज्य सरकार और स्वामी चिन्मयानंद के वकीलों ने इस आधार पर विरोध किया कि छात्रा मुख्य आरोपी है और उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इसलिए जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए उन्हें कुछ वक्त दी जानी चाहिए।
अदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एसआईटी और स्वामी चिन्मयानंद के वकीलों को दो सप्ताह का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख छह नवंबर तय की। इस बीच, एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद मामले में मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश की जिसे अदालत ने देखा और अगली तारीख 28 नवंबर तय करते हुए एसआईटी को उस तारीख तक अगली रिपोर्ट पेश करने को कहा।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने निर्देश दिया कि यदि एसआईटी को फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट अगली तारीख तक मिल जाती है तो वह उसे भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे। यह रिपोर्ट टेलीफोन वार्ता में आवाज की पहचान के लिए आवश्यक है।