Sultanpur robbery case: 1.50 करोड़ के जेवरात लूटे, आरोपी मंगेश यादव मुठभेड़ में ढेर, अखिलेश यादव ने बोला हमला, कहा- ‘जात’ देखकर ली जान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 5, 2024 11:33 AM2024-09-05T11:33:56+5:302024-09-05T11:36:31+5:30
Sultanpur robbery case: सुल्तानपुर नगर कोतवाली के ठठेरी बाजार स्थित एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से पिछली 28 अगस्त को हथियारबंद बदमाशों ने करीब एक करोड़ 50 लाख रुपये के जेवरात लूट लिए थे।
Sultanpur robbery case:उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पिछले महीने एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान में डकैती के मामले में आरोपी बदमाश मंगेश यादव बृहस्पतिवार तड़के राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 28 अगस्त को शहर कोतवाली क्षेत्र के ठठेरी बाजार स्थित एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के जेवरात लूटे जाने के मामले में एक आरोपी मंगेश यादव आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे मिशिरपुर पुरैना गांव में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया।
उन्होंने बताया कि आरोपी बदमाश पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। सूत्रों के मुताबिक मंगेश यादव के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सुल्तानपुर नगर कोतवाली के ठठेरी बाजार स्थित एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से पिछली 28 अगस्त को हथियारबंद बदमाशों ने करीब एक करोड़ 50 लाख रुपये के जेवरात लूट लिए थे।
इस मामले में तीन आरोपियों सचिन, पुष्पेंद्र और त्रिभुवन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला है। यादव ने कहा कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी। जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए।
सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है।
जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है। घोर निंदनीय!
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…