सृजन घोटाला: CBI कोर्ट ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया समेत 9 आरोपितों के खिलाफ जारी किया वारंट
By एस पी सिन्हा | Published: August 19, 2022 03:51 PM2022-08-19T15:51:03+5:302022-08-19T15:53:47+5:30
कोर्ट ने करोड़ों रुपए के सृजन घोटाले के एक मामले में भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया समेत 9 आरोपितों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है।
पटना: पटना में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने करोड़ों रुपए के सृजन घोटाले के एक मामले में भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया समेत 9 आरोपितों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया था।
समन का तामिला कर सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट विशेष अदालत में दाखिल कर दी। इसके बाद सीबीआई के वकील के अनुरोध पर अदालत ने आरोपित केपी रमैया समेत 9 के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया।
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने जिन लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद, शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा, शाखा प्रबंधक आनंद चंद गगई, अर्जुन दास, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सनत कुमार झा, डिप्टी कलेक्टर विजय कुमार और सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रजनी प्रिया व उनके पति अमित कुमार शामिल हैं।
सीबीआई ने घोटाले के इस मामले में 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। यह मामला करोड़ों रुपए के सरकारी राशि के गबन से संबंधित है। रजनी प्रिया और अमित कुमार सृजन घोटाला के कई मामलों में फरार चल रहे हैं। सीबीआई उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
बता दें कि सृजन घोटाले में आरोपी भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2014 में उन्होंने वीआरएस लेकर राजनीति में कदम रखा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें जदयू में शामिल कराया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में सासाराम से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार मिली।
उल्लेखनीय है कि पूर्व डीएम केपी रमैया ने 18 दिसंबर 2003 को जिले के सभी बीडीओ, ग्रामीण विकास, पंचायत समिति सदस्य और सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं को चिट्ठी लिखी थी। पत्र में उन्होंने कहा था कि निरीक्षण के दौरान पाया कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड बैंक शाखा के जिला केंद्रीय सहकारिता बैंक भागलपुर से संबद्ध है।
जो पूर्व के जिलाधिकारी और उप-विकास अधिकारी द्वारा संपुष्ट है। इसलिए समिति के बैंक में सभी तरह के खाता खोलकर इन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है। डीएम ने यह पत्र 20 दिसंबर 2003 को लिखा था, इसका पत्रांक 1136 था। इस पत्र के बाद ही 2004 से जिले के कई बीडीओ ने सृजन के खाते में राशि जमा की गई थी।
सबौर ब्लॉक परिसर स्थित ट्राइसेम भवन को भी 2004 में तत्कालीन डीएम के आदेश पर उस वक्त रहे सीओ ने सृजन को लीज पर दे दी थी। उस वक्त सीओ अरुण ठाकुर थे। पूर्व में जिला से सीबीआई को जानकारी भेजी गई थी। मूल चिट्ठी नहीं मिल पाई थी। इसे लेकर सीबीआई की जांच पूरी हो चुकी है।