सोनभद्र सामूहिक हत्याकांड: 90 बीघा जमीन, 10 की मौत, हर किसी की जबान पर एक ही सवाल है हमारी क्या गलती है?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 18, 2019 06:23 PM2019-07-18T18:23:09+5:302019-07-18T18:23:09+5:30

यज्ञदत्त जमीन पर कब्जे के लिये 10—12 ट्रैक्टरों से अपने साथियों को लेकर पहुंचा। ट्रैक्टर से जमीन जोतने के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इस पर ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।

Sonbhadra massacre: 90 bigha land, 10 deaths, pestilence in village | सोनभद्र सामूहिक हत्याकांड: 90 बीघा जमीन, 10 की मौत, हर किसी की जबान पर एक ही सवाल है हमारी क्या गलती है?

आयोग ने संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

Highlightsउत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरुवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई।इस वारदात में तीन महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत हो गयी जबकि 19 अन्य जख्मी हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बतायी जाती है।

सोनभद्र जिले के उधा गांव में जमीन विवाद में नौ लोगों की हत्या की दुस्साहसिक वारदात के बाद मरघट सा सन्नाटा पसरा हुआ है।

उधा गांव में जमीन पर कब्जा करने गये ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और उसके दबंग साथियों की गोलियों का निशाना बने निहत्थे ग्रामीणों के घरों में मातम का माहौल है और बीच-बीच में हो रहा विलाप और करुण क्रंदन उस लम्बी खिंचती खामोशी को तोड़ रहा है।

मरने वालों के घरों में हर किसी की जबान पर एक ही सवाल है ''हमारी क्या गलती है?'' अपने सामने 10 लोगों के शव बिछते देखने वाले अशोक गोंड बदहवास हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। गोली लगने से हुए जख्म की तरफ इशारा करते हुए वह कहते हैं ''हम अपने खेत में थे। तभी ग्राम प्रधान 30-35 ट्रैक्टर-ट्रॉली पर अपने 150 दबंग साथियों को लेकर हमारी जमीन कब्जाने आये। ज्यादातर के हाथ में हथियार था।

उन्होंने किसी को मौका नहीं दिया, ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं और लाशें बिछने लगीं।'' उन्होंने कहा कि किस्मत से वह तो बच गये लेकिन उन लोगों के घरवालों का क्या, जिनकी जान चली गयी। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से स्तब्ध तेरवा देवी (50) को भी कभी गुमान नहीं था कि उनकी जिंदगी में ऐसा दिन भी आयेगा।

गोली लगने से जख्मी हुई अस्पताल में भर्ती तेरवा देवी ने कहा ''जमीन हमारी है, मगर ग्राम प्रधान ने धोखा करके अपने नाम लिखवा ली है। वह पहले भी जमीन पर कब्जा करना चाहता था, मगर नहीं कर सका। लगता है कि आज वह इसी इरादे से आया था कि जो भी रास्ते में आयेगा उसे मार डालेगा।''

तेरवा देवी ने कहा ''हमारी गलती क्या है? हम गरीब हैं और अपनी ही जमीन पर खेती करके खा—कमा रहे हैं।'' वारदात में मारे गये रामचन्दर (50), राजेश गौड़ (28), अशोक (30), रामधारी (60), राम सुन्दर (50), जवाहिर (48), दुर्गावती (42) और सुखवंती (40) समेत सभी नौ लोगों के घरों में मातम पसरा है।

हर किसी के जहन में सवाल है कि आखिर हत्यारों को उनके अंजाम पर कब पहुंचाया जाएगा। सोनभद्र जिले के घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से 90 बीघा जमीन खरीदी थी। उस पर कब्जे का विवाद था।

यज्ञदत्त जमीन पर कब्जे के लिये 10—12 ट्रैक्टरों से अपने साथियों को लेकर पहुंचा। ट्रैक्टर से जमीन जोतने के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इस पर ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। उन्होंने बताया कि इस वारदात में तीन महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत हो गयी जबकि 19 अन्य जख्मी हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बतायी जाती है। 

उप्र एससी-एसटी आयोग ने सोनभद्र की घटना की जांच के लिए बनाई टीम

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुई गोलीबारी की घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरुवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई। आयोग ने संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।

आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि उपाध्यक्ष मनीराम कौल के नेतृत्व वाली आयोग की टीम में रामसेवक खारवार भी सदस्य हैं। टीम घटनास्थल पर जाकर आदिवासियों और घायलों से मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष बृजलाल को सौंपेगी।

विज्ञप्ति में कहा गया कि आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों को सुरक्षा मुहैया करायी जाए और प्रकरण की भलीभांति जांच करायी जाए।

आयोग ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो। दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाना चाहिए ताकि वे जमानत ना पा सकें। उल्लेखनीय है कि सोनभद्र में घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की।

विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस वारदात में दस लोगों की मौत हो गई जबकि 18 अन्य जख्मी हो गए।

 

Web Title: Sonbhadra massacre: 90 bigha land, 10 deaths, pestilence in village

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