श्रद्धा हत्याकांडः आफताब ने नार्को टेस्ट में हत्या की बात कबूली, अब होगा पोस्ट नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफ टेस्ट से किया जाएगा मैच
By अनिल शर्मा | Published: December 1, 2022 03:49 PM2022-12-01T15:49:40+5:302022-12-01T15:56:28+5:30
नार्को टेस्ट एफएसएल अधिकारियों की एक टीम द्वारा किया गया था जिसमें एक फोटो विशेषज्ञ, फोरेंसिक मनोविज्ञान विशेषज्ञ और फोरेंसिक मेडिसिन के एक डॉक्टर और नार्को, अंबेडकर अस्पताल के नोडल अधिकारी शामिल थे।

श्रद्धा हत्याकांडः आफताब ने नार्को टेस्ट में हत्या की बात कबूली, अब होगा पोस्ट नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफ टेस्ट से किया जाएगा मैच
नई दिल्लीः श्रद्धा वालकर की हत्या का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट गुरुवार सफल रही। अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब की यहां रोहिणी के एक अस्पताल में करीब दो घंटे तक नार्को जांच हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब का अब पोस्ट नार्को टेस्ट किया जाएगा।
पुलिस के हवाले से एनडीटीवी ने बताया कि नार्को टेस्ट के दौरान आफताब ने हत्या की बात कबूल की है। उसने हथियारों के बारे में भी जानकारी दी है। वहींं श्रद्धा के शव के टुकड़ें कहां-कहां ठिकाने लगाए हैं, इसका भी खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक आफताब के पॉलीग्राफ टेस्ट और नार्को टेस्ट को मैच कराया जाएगा। आफताब के बताए जगहों से अगर श्रद्धा का सिर बरामद हो जाता है तो पुलिस की बड़ी कामयाबी मानी जाएगी। इससे केस भी मजबूत होगा।
अधिकारियों ने बताया कि पूनावाला की नार्को जांच पूरी तरह सफल रही और उसका स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक है। उन्होंने बताया कि पूनावाला को सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर रोहिणी के डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल लाया गया और नार्को जांच सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई। जांच के बाद उसे चिकित्सीय निगरानी में रखा गया।
फॉर्म पर उसके हस्ताक्षर करने के बाद नार्को जांच की गयी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नार्को जांच से पहले पूनावाला की रक्तचाप, नाड़ी की गति, शरीर का तापमान और दिल की धड़कन की जांच समेत अन्य सामान्य जांच की गयी। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के तहत, पूनावाला और उसकी जांच कर रही नार्को टीम की पूरी जानकारी के साथ एक सहमति फॉर्म उसके समक्ष पढ़ा गया। फॉर्म पर उसके हस्ताक्षर करने के बाद नार्को जांच की गयी।
कैसे होता है नार्को टेस्ट?
नार्को जांच में सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम एमिटल जैसी दवा दी जाती है जो व्यक्ति को एनेस्थीसिया के विभिन्न चरणों तक लेकर जाती है। सम्मोहन (हिप्नोटिक) चरण में व्यक्ति पूरी तरह होश हवास में नहीं रहता और उसके ऐसी जानकारियां उगलने की अधिक संभावना रहती है जो वह आमतौर पर होश में रहते हुए नहीं बताता है।