तिहाड़ जेल में आफताब को दी गई अंग्रेजी उपन्यास 'द ग्रेट रेलवे बाजार', घंटों अकेले खेलता है शतरंज, पुलिस को अब ये होने लगा है शक...
By अनिल शर्मा | Published: December 5, 2022 12:12 PM2022-12-05T12:12:40+5:302022-12-05T12:35:19+5:30
सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसकी सोची-समझी चालों को ध्यान में रखते हुए यहां तक कहा था, 'कभी-कभी ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी हम नहीं बल्कि आरोपी आफताब खुद है, जिसके इशारे पर दिल्ली पुलिस नाच रही है...
नई दिल्लीः अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को तिहाड़ जेल अधिकारियों ने अंग्रेजी उपन्यास 'द ग्रेट रेलवे बाजार' की एक प्रति दी है। जेल सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आफताब ने जेल अधिकारियों से अंग्रेजी उपन्यास के लिए अनुरोध किया था।
दिल्ली पुलिस ने आफताब को अमेरिकी उपन्यासकार पॉल थेरॉक्स का यात्रा वृतांत 'द ग्रेट रेलवे बाजार: बाय ट्रेन थ्रू एशिया' किताब मुहैया कराई है। सूत्रों ने कहा कि जेल अधिकारियों ने उन्हें किताब दी क्योंकि यह अपराध पर आधारित नहीं है और इसमें ऐसी सामग्री नहीं है जिससे वह दूसरों को या खुद को नुकसान पहुंचा सकें।
दिल्ली पुलिस ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि आफताब (28) पर अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर का गला घोंटने और उसके शरीर के अंगों को काटकर उन्हें दक्षिण दिल्ली के महरौली में फेंकने से पहले रेफ्रिजरेटर में रखने का आरोप है।
पुलिस के मुताबिक जेल में ज्यादातर समय आफताब शतरंज खेलता है। जेल अधिकारियों ने कहा, "पूनावाला शतरंज की चालों में अपना अधिकतर समय बिताता है। जेल सूत्रों ने बताया कि आफताब अक्सर अकेले और कभी-कभी दो साथी कैदियों के साथ शतरंज की बिसात पर अपनी चालें चलता है।
आफताब की सेल शेयर करने वाले दोनों विचाराधीन कैदी चोरी के एक मामले में आरोपी हैं और सूत्रों के मुताबिक उन्हें उस पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा, 'आफताब उनसे ज्यादा बातचीत नहीं करता। वह जेल में घंटों अकेले शतरंज खेलता रहता है।'
जेल सूत्रों ने यह भी बताया कि आफताब खुद के खिलाफ अपनी चाल की योजना बना रहा है और दिल्ली पुलिस को शुरू से ही इस बात का शक था कि "आफताब बहुत चालाक है''। उसकी हर हरकत एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लगती है और उदाहरण के लिए शतरंज के दोनों छोर से अकेले खेलना।
सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसकी सोची-समझी चालों को ध्यान में रखते हुए यहां तक कहा था, 'कभी-कभी ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी हम नहीं बल्कि आरोपी आफताब खुद है, जिसके इशारे पर दिल्ली पुलिस जगह-जगह जा रही है और जिस तरह से पुलिस अपनी पहले से बुनी हुई कहानी में उलझी हुई है, उससे ये और साफ जाहिर हो रहा है।
आफताब के अच्छे व्यवहार पर पुलिस को हो रहा शक!
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ''यही कारण है कि शुरुआती जांच में पुलिस ने उसके मन की बात जानने के लिए एक मनोवैज्ञानिक की मदद ली और बाद में नार्को टेस्ट कराने की मांग की।'' उन्होंने आगे कहा कि आफताब पुलिस की कही हर बात का पालन कर रहा है। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया, पुलिस के साथ सहयोग किया और पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिए राजी हो गया। लेकिन अब पुलिस को उसके 'अच्छे' व्यवहार पर शक होने लगा है।
शुरुआत में आफताब मुंबई पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, मामला दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने के बाद उसने अपना जुर्म कबूल करना शुरू कर दिया। पुलिस का कहना है कि उन्हें संदेह है कि यह उनकी "कुटिल" योजना का हिस्सा है।
आफताब के सेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है
जानकारी के अनुसार, जेल अधिकारियों ने आफताब पूनावाला के जेल क्वार्टर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है, और उनके बैरक के बाहर एक अतिरिक्त गार्ड तैनात किया है, खासकर दिल्ली के रोहिणी में फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के बाहर श्रद्धा के कथित हत्यारे को ले जा रही एक जेल वैन पर हमले के बाद। तिहाड़ जेल प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि जेल के अंदर आफताब पर खतरे को देखते हुए उसकी कोठरी के आसपास विशेष निगरानी रखी जा रही है। आफताब न तो किसी से ज्यादा बात करता है और न ही घुलता-मिलता है।