शाहजहांपुर केसः चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा पर भी SIT का शिकंजा, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 22, 2019 01:08 PM2019-09-22T13:08:34+5:302019-09-22T13:09:41+5:30
शुक्रवार को चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद तीन और युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें पीड़िता के दोस्त संजय सिंह, सचिन और विक्रम शामिल हैं। इन पर चिन्मयानंद से रंगदारी वसूलने के लिए फोन करने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक इस साजिश में रेप पीड़िता भी शामिल थी।
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का मामला अजीब मोड़ ले रहा है। चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एसआईटी जल्द ही छात्रा को गिरफ्तार कर सकती है। छात्रा पर रंगदारी वसूलने की साजिश में शामिल होने का आरोप है। गौरतलब है कि बलात्कार के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चिन्मयानंद को एसआईटी ने उनके आश्रम से शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।
शुक्रवार को चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद तीन और युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इसमें पीड़िता के दोस्त संजय सिंह, सचिन और विक्रम शामिल हैं। इन पर चिन्मयानंद से रंगदारी वसूलने के लिए फोन करने का आरोप है। रिपोर्ट के मुताबिक इस साजिश में रेप पीड़िता भी शामिल थी। हालांकि पीड़िता की गिरफ्तारी से पहले एसआईटी कोर्ट से अनुमति ले सकती है।
अभियोजन अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 सी (कोई अधिकारी, लोक सेवक, जेल, रिमांड होम, अभिरक्षा के किसी अन्य स्थान, स्त्रियों या बालकों की संस्था का अधीक्षक या प्रबंधक है, या अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, ऐसी किसी स्त्री, जो की उसकी अभिरक्षा में है या परिसर में उपस्थित है, उस स्त्री को अपने साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए उत्प्रेरित करने लिए ऐसी स्थित का दुरूपयोग करेगा, तो उस व्यक्ति को पांच साल या दस साल की कारावास की सजा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा), 345 डी (लड़की या महिला का पीछा करना और संपर्क करने का प्रयास यानी पीछा करना, तीन साल की सजा), 342 (जो भी कोई किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा) तथा 506 (आपराधिक धमकी सजा - 2 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच लखनऊ में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “चिन्मयानंद को आज सुबह उनके आश्रम से एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराया। बाद में उन्हें अदालत में भेजा गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उनके साथ ही तीन अन्य लोगों को चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।''
उन्होंने बताया कि रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किये गए युवकों के नाम संजय सिंह, विक्रम उर्फ ब्रजेश तथा सचिन हैं। इनके खिलाफ रंगदारी, साक्ष्य नष्ट करने और आईटी अधिनियम के दुरुपयोग के मामले दर्ज हैं। इन तीनों में से संजय लापता छात्रा के साथ राजस्थान में मिला था। विक्रम और सचिन संजय के दोस्त हैं। डीजीपी से जब पूछा गया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों हुई, तो इस पर उन्होंने कहा, “कोई देरी नहीं हुई है, एसआईटी पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही थी। जब छात्रा का बयान दर्ज हुआ तो उसने कुछ वीडियो क्लीपिंग दीं। छात्रा की सभी वीडियो क्लीपिंग और रंगदारी से संबंधित वीडियो फोरेंसिक जांच के लिये भेजे गये उसके बाद स्वामी चिन्मयानंद और तीन अन्य की गिरफ्तारी हुई।’’
वीडियो क्लीपिंग की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, ‘‘अभी नहीं, लेकिन जल्द ही आ जाएगी।’’ इस बीच प्रयागराज में उप्र के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रयागराज में पत्रकारों से कहा, ''कानून ने अपना काम पहले दिन से किया। उच्चतम न्यायालय ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। जांच के बाद जो भी चीज सामने आई उस आधार पर कार्रवाई की गयी।''
गौरतलब है कि स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाने के साथ ही उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। इस मामले में पीड़िता के पिता की शिकायत पर कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया था लेकिन इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसके बाद पीड़िता को राजस्थान से बरामद कर लिया गया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया। शीर्ष अदालत से एसआईटी को जांच करने का निर्देश प्राप्त हुआ। अब एसआईटी मामले की जांच कर रही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर