सासाराम के भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता के कार्यालय और ठिकानों पर छापेमारी, 20 लाख नकद, जमीन के 30 दस्तावेज बरामद
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 27, 2021 07:38 PM2021-11-27T19:38:18+5:302021-11-27T19:39:48+5:30
आरोपी अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता के पास से अबतक 20 लाख नकद, दो लाकर के अलावा काफी मात्रा में सोने का बिस्कुट बरामद किया गया है. इसके साथ ही उनके पास से जमीन के 30 दस्तावेज बरामद किए गये हैं.
पटनाः बिहार में लगातार भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने की करवाई की जा रही है. इसी क्रम में निगरानी की टीम ने सासाराम के भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता के कार्यालय सहित उनके ठिकानों पर छापेमारी की है.
राजेश कुमार गुप्ता के पास सासाराम नगर निगम का अतिरिक्त प्रभार भी है. आरोपी अधिकारी के पास से अबतक 20 लाख नकद, दो लाकर के अलावा काफी मात्रा में सोने का बिस्कुट बरामद किया गया है. इसके साथ ही उनके पास से जमीन के 30 दस्तावेज बरामद किए गये हैं.
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई राजेश कुमार गुप्ता के पटना, रोहतास और फारबिसगंज पर की गई है. भूअर्जन पदाधिकारी सह नगर आयुक्त के फारबिसगंज स्थित आवास पर पटना निगरानी की टीम की छापेमारी में दस लाख के जेवर समेत करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है. इसके बाद टीम के कुछ पदाधिकारी डीएलओ राजेश गुप्ता के मानिकचंद रोड स्थित उनकी पुश्तैनी मकान की भी जांच की.
जहां नगद, जेवरात सहित करोड़ों रुपए के जमीन के दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके साथ ही पटना में मिले नकद रुपयों को गिनते-गिनते जब निगरानी के अधिकारी थक गये तो रुपया गिनने का मशीन मंगाना पड़ा. निगरानी की टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी अमर पासवान ने बताया कि 90 लाख रुपये की आय से अधिक संपत्ति मामले में दर्ज केस के आलोक में फारबिसगंज स्थित सासाराम के डीएलओ राजेश कुमार गुप्ता एवं उनके भाई के आवास पर कोर्ट से प्राप्त सर्च वारंट के तहत छापेमारी की गई है. छापेमारी में करोड़ों की सपत्ति का पता चला है, जिसका आकलन किया जा रहा है.
फिलहाल 10 लाख के जेवरात सहित करोड़ों रुपए के जमीन के 30 दस्तावेज बरामद हुए हैं. दस्तावेजों का मूल्यांकन किया जा रहा है. बता दें कि भू अर्जन के मामले में पिछले कई सालों से यह रोहतास जिला में पदस्थापित हैं और इन पर कई गंभीर आरोप लगे थे. जिसकी जांच भी चल रही थी. हाल के दिनों में यह नगर निगम के नगर आयुक्त के प्रभार पर कार्यरत है.
निगरानी ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार इन पर भाई के नाम पर अकूत संपति जमा करने के आरोप है. जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. उन्होंने पिछले 2-3 सालों में भाई के नाम पर अकूत संपत्ति अर्जित की है. बताया जाता है कि अब तक तीन फ्लैट के कागजात मिले हैं. वहीं, भाई के नाम पर पूर्णिया में चार बीघा जमीन के कागजात मिले हैं.
पटना के आनंदपुरी और नागेश्वर कालोनी स्थित आवास के अलावा रांची में भी अपार्टमेंट के कागजात मिले हैं. यहां उल्लेखनीय है कि भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ निगरानी लगातार कार्रवाई कर रही है. एक दिन पहले बिहार सरकार के मंत्री जनक राम के ओएसडी के ठिकानों पर छापेमारी कर काली कमाई का पर्दाफाश किया था. जिसमें उनके पास से करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई थी.
वहीं उनकी महिला मित्र के पास से सोने के बिस्कुट और संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए थे. इससे पहले ईओयू और निगरानी विभाग ने पिछले दिनों एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें करोड़ों की अवैध संपत्ति जब्त किया गया था. अब बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसर राजेश गुप्ता निगरानी जांच में फंसे हैं. बताया जाता है कि कई अन्य अधिकारी भी निगरानी की रडार पर हैं.