केरल में PFI के निशाने पर थे संघ के पांच नेता, केंद्र देगा 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा
By शिवेंद्र राय | Published: October 1, 2022 10:48 AM2022-10-01T10:48:35+5:302022-10-01T10:51:07+5:30
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जानकारी मिली है कि केरल के पांच आरएसएस नेता पीएफआई की हिट लिस्ट में हैं। रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने आरएसएस के पांच नेताओं को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है।
नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई के बाद रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में एनआईए और आईबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है जिससे पता चला है कि केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांच बड़े नेता पीएफआई के निशाने पर थे।
बीते 21 सितंबर की रात सुरक्षा एजेंसियों ने देश भर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद पीएफआई के सदस्य मोहम्मद बशीर के ठिकाने से एनआईए को आरएसएस नेताओं की सूची मिली थी जिसमें 5 नेताओं को जान से मारने का उल्लेख था। केरल में संघ के जिन नेताओं को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जान का खतरा था उन्हें अब गृह मंत्रालय ने Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है। अब इन नेताओं की सुरक्षा में आठ सुरक्षा कर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे। ये सुरक्षा कर्मी तीन शिफ्ट में संघ के नेताओं को सुरक्षा देंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है। इस संगठन पर कथित रूप से आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संपर्क रखने और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप है। एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने मिलकर देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर 21 सितंबर की रात और 27 सितंबर को छापेमारी की थी। इस दौरान करीब 350 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियों को छापे के दौरान PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। इसके आधार पर गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने यूएपीए के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे जुड़े कुल नौ संगठनों को "गैरकानूनी" घोषित किया है।
पीएम मोदी भी थे पीएफआई के निशाने पर
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के निशाने पर सिर्फ संघ के नेता ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी भी थे। इस साल जुलाई में बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए संगठन ने पटना में ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था और कई सदस्यों को ट्रेनिंग देने का काम किया। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में अच्छी खासी पकड़ रखने वाले इस संगठन ने हवाला के जरिए विदेशों से पैसे भी जुटाए थे।