बलात्कार की शिकार मूक-बधिर युवती ने इशारों में सुनायी आपबीती, मुजरिम को कैद
By भाषा | Published: July 12, 2019 09:24 PM2019-07-12T21:24:33+5:302019-07-12T21:24:33+5:30
मूक-बधिर युवती से दुष्कर्म के जुर्म में विशेष अदालत ने शुक्रवार को 32 वर्षीय व्यक्ति को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। दुष्कर्म से युवती को गर्भ ठहर गया था और उसे बच्चे को जन्म देना पड़ा था।
इंदौर (मप्र), 12 जुलाई: मूक-बधिर युवती से दुष्कर्म के जुर्म में विशेष अदालत ने शुक्रवार को 32 वर्षीय व्यक्ति को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। दुष्कर्म से युवती को गर्भ ठहर गया था और उसे बच्चे को जन्म देना पड़ा था। विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने मामले में जानू महबूब उर्फ सुत्तू (32) को भारतीय दंड विधान की धारा 366 और 376(दो)(एन) के तहत दोषी करार दिया।
मुजरिम पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया जो पीड़ित युवती को मुआवजे के रूप में अदा किया जायेगा। अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी आरती भदौरिया ने बताया कि मूक-बधिर युवती ने दुष्कर्मी के रूप में सुत्तू की पहचान की और अदालत को इशारों की जुबान में आपबीती सुनायी।
अभियोजन पक्ष ने मामले 10 गवाह भी पेश किये थे। उन्होंने बताया कि युवती से दुष्कर्म का मामला खजराना पुलिस थाने में नौ फरवरी 2017 को दर्ज किया गया था। तब पीड़ित युवती करीब छह माह की गर्भवती थी। क्षेत्र के एक निर्माणाधीन गोदाम में सुत्तू उसके साथ कई बार बलात्कार कर चुका था। दुष्कर्म की शिकार इस युवती ने एक बालक को जन्म दिया था।
अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार से युवती को उचित मुआवजा दिलाया जाये।