मुख्यमंत्री आवास को बम से उड़ाने की धमकी, फोन कॉल करने वाले युवक को दबोचा
By धीरेंद्र जैन | Published: July 10, 2020 09:54 PM2020-07-10T21:54:19+5:302020-07-10T21:54:19+5:30
पुलिस ने मोबाइल नंबरों के आधार पर तलाश शुरू कर कुछ घंटों बाद ही जयपुर ग्रामीण जिले के जमवारामगढ़ थाना इलाके में एक गांव से फोन करने वाले युवक को पकड़ लिया और पूछताछ के बाद उसका मोबाइल जब्त करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
जयपुरः राजस्थान की राजधानी के सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरकारी निवास को बम से उड़ाने की धमकी भरा फोन काॅल मिलने से जयपुर पुलिस कमिश्नरेट और मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों में तहलका मचा कर रख दिया।
गुप्तचर एजेंसियां भी अलर्ट हो गई। पुलिस ने मोबाइल नंबरों के आधार पर तलाश शुरू कर कुछ घंटों बाद ही जयपुर ग्रामीण जिले के जमवारामगढ़ थाना इलाके में एक गांव से फोन करने वाले युवक को पकड़ लिया और पूछताछ के बाद उसका मोबाइल जब्त करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये युवक का नाम लोकेश मीणा (26) है। वह जमवारामगढ़ तहसील के पापड़ गांव का रहने वाला है और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। आज सुबह गांव में ही अपने मोबाइल से पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके कहा कि मुख्यमंत्री निवास में बम धमाका कर दिया जाएगा और इसके बाद फोन काट दिया।
कंट्रोल रूम प्रभारी ने धमकी भरे फोन की सूचना जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों को दी। मुख्यमंत्री निवास के सुरक्षा अधिकारियों को भी जानकारी देकर अलर्ट कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई। इस बीच पुलिस मोबाइल नंबरों के आधार पर इनपुट जुटाने में लग गई और फिर कुछ घंटों बाद ही लोकेश को उसके गांव से पकड़कर जयपुर ले आई। आरोपी के परिजनों ने बताया कि लोकेश डिप्रेशन की बीमारी से पीड़ित है। उसका पिछले लंबे दिनों से एक डॉक्टर से मानसिक अस्वस्थता का उपचार चल रहा है।
जीवित नवजात को नर्स ने मृत बता परिजनों को सौंपा
राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुन्दा में एक नर्स की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसमें उसने एक जीवित नवजात को मृत बताकर परिजनों को सौंप दिया। किन्तु जब परिजन बच्चे को दफनाने गये तो उसके रोने की आवाज सुन परजिनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
जानकारी के अनुसार गोगुन्दा के समीप पड़ावली पीएचसी में गर्भवती ललिता नाम की महिला का नर्स गंगा ने प्रसव कराया। प्रसव के बाद नर्स के नवजात बच्ची को जांचा तो रोने की आवाज नहीं आने पर उसे मृत घोषित कर प्रसूता की सास को सौंप दिया।
परिजन नवजात को मृत मानकर दफनाने गये, लेकिन बच्ची उसी दौरान रोने लगी तो लोग चकित रह गये और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आक्रोशित परिजन पीएचसी पहुंचे और उनकी नर्स के साथ काफी कहासुनी हुई बाद में बच्ची को अस्पताल में शिफ्ट किया गया। सीएमएचओं डाॅ दिनेश खटाडी ने कहा कि मामले की जांच के लिए कमेटी बिठा दी गई है।
ऑड-इवन फॉर्मूले के आधार पर होगी विधानसभा में कमेटी मीटिंग्स
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के प्रभाव के चलते लागू की गई कोरोना गाइडलाइन की पालना के मद्देनजर राजस्थान विधानसभा में विभिन्न कमेटियों की बैठकों के लिए आॅड-इवन फाॅमूला लागू कर दिया गया है। राजस्थान विधानसभा में विभिन्न कमेटी बैठकों का दौर अब शुरू हो गया है। औसतन पांच से आठ कमेटी की मीटिंग छह माह बाद बुलाई जाने लगी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण पहले कमेटियों का गठन नहीं हो पाया था। अब कमेटियों का गठन होने के बाद इनकी बैठकों का दौर चलने लगा है। विधानसभा अध्यक्ष और सचिव की ओर से नई गाइड लाइन तैयार की गई। जिसके तहत कमेटी बैठकों में सौशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित करने को कहा है। इसी के चलते कमेटियों की बैठकें ऑड-ईवन फॉर्मूले के आधार पर आयोजित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में 4 वित्त कमेटियों समेत 20 तरह की समितियां हैं। ये विभागों के कामकाज पर नजर रखती हैं। बैठकों के लिए बाकायदा इन कमेटियों को आॅड ईवन नंबर आवंटित किए गए हैं। कमेटियों की बैठकों का आयोजन भी उसी के आधार पर किया जा रहा है। इन कमेटियों को एक से लेकर 20 नंबर आवंटित किए गए हैं।
आदर्श गांवों में खुलेगी गांधी ग्राम लाइब्रेरी, लोगों को पढ़ने को मिलेगा महापुरुषों का जीवन चरित्र
राजस्थान में की सभी महात्मा गांधी आदर्श ग्राम पंचायतों में गांधी ग्राम लाइब्रेरी की स्थापना होगी। जिससे लोग महापुरूषों के जीवन चरित्र को और अन्य पुस्तकों को पढ़कर लाभान्वित हो सकेंगे। इन लाइब्रेरी और भवन निर्माण के लिए बजट प्रावधान भी कर दिये गये है और इनका संचालन ग्राम पंचायते अपनी निजी आय और भामाशाहों की मदद से करेागी।
राज्य सरकार सभी 33 जिलों में एक एक महात्मा गांधी आदर्श ग्राम पंचायत बनाने का निर्णय पहले ही कर चुकी है। अब इनमें पुस्तकालय और वाचनालय की स्थापना होगी। लाइब्रेरी भवन कियसी सरकारी भवन, पंचायत भवन, स्कूल या सामुदायिक भवन में तैयार कराया जा सकेगा। सांसद या विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना से भवन निर्माण कराया जा सकेगा। पुस्तकों के लिए ग्राम पंचायतअपने फंड का प्रयोग कर सकती हैं। साथ ही भामाशाहों, दानदाताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी ले सकती है।