विकास दुबे के साथियों के एनकाउंटर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
By अनुराग आनंद | Published: July 10, 2020 02:19 PM2020-07-10T14:19:57+5:302020-07-10T14:40:59+5:30
वकील घनश्याम उपाध्याय की ओर से शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में कहा गया है कि पुलिस द्वारा इन पांच सह-आरोपियों की मुठभेड़ में हत्या ‘‘न केवल अत्यंत गैरकानूनी बल्कि अदालत की अंतरात्मा को भी झकझोरने वाली है।
लखनऊ: कानपुर में 8 पुलिस वालों की हत्या मामले में मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथियों के एनकाउंटर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में विकास दुबे के साथियों की हत्या को लेकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है।
एचटी रिपोर्ट की मानें तो कुख्यात अपराधी विकास दुबे के शुक्रवार को कानुपर के पास पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने से कुछ घंटे पहले उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को उसकी जान की हिफाजत करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, साथ ही यह सुनिश्चित करने की भी मांग की गई थी कि वह पुलिस के हाथों न मारा जाए।
इस मामले में की गई है निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग-
याचिका में यह मांग भी की गई थी कि पिछले सप्ताह आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में कथित तौर पर दुबे के साथ शामिल रहे पांच सह-आरोपियों की मुठभेड़ में मारे जाने के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की जाए और शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराई जाए।
कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में तीन जुलाई को देर रात में बदमाशों पर दबिश देने गए पुलिस दल पर अपराधियों ने हमला कर दिया था जिसमें पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।
कथित मुठभेड़ में मारा गया विकास दुबे-
पुलिस के मुताबिक दुबे शुक्रवार सुबह उस समय मुठभेड़ में मारा गया जब उज्जैन से उसे लेकर कानपुर आ रही पुलिस की एक गाड़ी भऊती इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसने मौके से भाग जाने की कोशिश की।
कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि दुर्घटना में नवाबगंज थाने के एक निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। दुबे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। दुबे कानपुर कांड का मुख्य आरोपी था।
दुबे से पहले उसके पांच कथित सहयोगी पुलिस के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए।
वकील घनश्याम उपाध्याय ने शीर्ष अदालत में दायर की याचिका-
वकील घनश्याम उपाध्याय की ओर से शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि पुलिस द्वारा इन पांच सह-आरोपियों की मुठभेड़ में हत्या ‘‘न केवल अत्यंत गैरकानूनी और अमानवीय है, बल्कि अदालत की अंतरात्मा को भी झकझोरने वाली है और यह देश का तालिबानीकरण है जिसको बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’
उपाध्याय ने फोन पर मीडिया को बताया, ‘‘मैंने देर रात दो बजे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से याचिका दाखिल की थी।’’ याचिका में दुबे के घर, वाहनों और अन्य संपत्तियों को ढहाने और तोड़ने के संबंध में भी प्राथमिकी दर्ज करने का उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई थी।
(भाषा इनपुट )