PUBG Mobile गेम के चक्कर नाबालिग लड़के ने खर्च कर डाले 16 लाख रुपये

By निखिल वर्मा | Published: July 3, 2020 09:40 PM2020-07-03T21:40:25+5:302020-07-03T21:42:35+5:30

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ऑनलाइन गेम ‘पबजी’ बच्चों को अपराध की दुनिया से परिचित करा रहे हैं और उनकी सोच को नकारात्मक बना रहे हैं।

pubg mobile punjab teenager spends rs 16 lakh on to make in app purchases and upgrades | PUBG Mobile गेम के चक्कर नाबालिग लड़के ने खर्च कर डाले 16 लाख रुपये

पिता ने अपने बेटे के भविष्य के लिए पैसे जमा किए थे

Highlightsड़के ने एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने भी किए ताकि उसे कोई पकड़ ना सके।पुलिस ने इस मामले में लड़के के पिता की मदद करने से इंकार कर दिया, क्योंकि उनके बेटे ने ही पैसे उड़ाए थे

PUBG Mobile गेम के चक्कर के एक लड़के ने अपने ही परिवार को लूट डाला। पंजाब में एक नाबालिग लड़के ने  गेम को खेलने के दौरान इन-ऐप पर्चेजेस और अपग्रेडिंग के लिए 16 लाख रुपये खर्च कर डाले। यह पैसे उसके पिता के थे जो सरकारी नौकरी करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 साल के एक नाबालिग के पास तीन बैंक अकाउंट का ऐक्सिस था।

पैसे खर्च होने की जानकारी तब मिली जब लड़के के मां-बाप ने बैंक अकाउंट देखा। द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग अपनी मां के फोन को PUBG Mobile खेलने के लिए इस्तेमाल करता था। बैंक ट्रांजैक्शन के पूरे होने के बाद अपनी मां के डिवाइस से सारे मेसेज डिलीट कर देता था।

पबजी जैसे खेल बच्चों की सोच को नकारात्मक बना रहे :वैज्ञानिक

 एक ‘मल्टी प्लेयर कॉम्बैट गेम’ का आदी हो चुके 22 वर्षीय एक व्यक्ति ने पिछले महीने महाराष्ट्र के यवतमाल जिला स्थित अपने घर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। साथ ही राजस्थान के कोटा में रात भर पबजी खेलेने के बाद 14 साल के एक लड़के ने अपनी जान ले ली। पिछले साल महाराष्ट्र में ठाणे जिला स्थित भिवंडी के 15 वर्षीय एक किशोर ने मोबाइल फोन पर पबजी खेलने को लेकर बड़े भाई के डांटे जाने पर कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने शुक्रवार को कहा कि पबजी नुकसान पहुंचाने के अलावा कुछ नहीं देता। उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगाने की चल रही मांग के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह बच्चों को अपराध और युद्ध की दुनिया से रूबरू कराता है। यह इसे खेलने वालों, खासतौर पर बच्चों का कौशल या बौद्धिक क्षमता नहीं बढ़ता।

उन्होंने कहा कि इस खेल में जीत हासिल होने तक इसे खेलते रहने की प्रवृत्ति होती है। यह इसकी लत लगने की प्रक्रिया और समय की बर्बादी है। यह सिर्फ आपराधिक मानसिकता विकसित करता है।

उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि कोई भी ऑनलाइन गेम के लिये, खासतौर पर बच्चों के लिये, सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का अवश्य ही अनुपालन होना चाहिए।

सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के दिग्गज टी वी मोहनदास पाई ने कहा कि जब तक ये खेल निर्धारित नियमों का पालन करते हैं , उन्हें प्रतिबंधित करने की जरूरत नहीं है।

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