प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर मालेगांव ब्लास्ट से लेकर हत्या व कथित आतंकवादी के मामले दर्ज, मोटरसाइकिल की वजह से हुई थी गिरफ्तारी, जेल में रहीं 9 साल
By पल्लवी कुमारी | Published: November 28, 2019 12:47 PM2019-11-28T12:47:45+5:302019-11-28T12:47:45+5:30
मध्य प्रदेश भिंड जिले के कछवाहा गांव में जन्मीं प्रज्ञा सिंह को एनआईए कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट-2008 केस में जमानत तो दे दी लेकिन उन्हें दोषमुक्त नहीं माना है।
मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा संसद में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताने को लेकर विवाद छिड़ गया है। बीजेपी ने कार्रवाई करते हुए प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालाय की कमेटी से हटा दिया गया है। इसके साथ ही बीजेपी पार्टी की होने वाली संसदीय दल की बैठक में भी शामिल नहीं होने का आदेश दिया गया है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जिंदगी से जुड़ा सबसे बड़ा विवाद है मालेगांव ब्लास्ट 2008 का आरोपी बनना। भिंड जिले के कछवाहा गांव में जन्मीं प्रज्ञा सिंह को एनआईए कोर्ट ने जमानत तो दे दी लेकिन उन्हें दोषमुक्त नहीं माना है। दिसंबर 2017 में दिए अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि प्रज्ञा और पुरोहित पर यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट) के तहत मुकदमा चलता रहेगा। प्रज्ञा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्य रह चुकी हैं।
मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में प्रज्ञा सिंह ठाकुर कैसे हुईं गिरफ्तार
महाराष्ट्र के नासिक जिले में मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के निकट 29 सितंबर 2008 को धमाका हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए थे। इस धमाके में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी। एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी। महाराष्ट्र एटीएस ने हेमंत करकरे के नेतृत्व में इसकी जांच की और इस नतीजे पर पहुँची कि उस मोटरसाइकिल के तार गुजरात के सूरत और अंत में प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े थे। इसके बाद प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया था।
समझौता ब्लास्ट के अभियुक्त की हत्या में था प्रज्ञा ठाकुर नाम
प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले के अभियुक्त सुनील जोशी की हत्या का आरोप भी लगा था। सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फरवरी 2011 में प्रज्ञा को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, 2017 में मध्य प्रदेश के देवास कोर्ट ने प्रज्ञा को सुनील जोशी हत्याकांड से रिहा कर दिया था।
बता दें कि दिल्ली से लाहौर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा में पानीपत के पास धमाका हुआ था। जिसमें 68 लोगों की मौत हुई थी।
अजमेर दरगाह ब्लास्ट में भी थी आरोपी
अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में भी प्रज्ञा ठाकुर का नाम आया था लेकिन अप्रैल 2017 में एनआईए ने प्रज्ञा ठाकुर और अन्य के खिलाफ राजस्थान के स्पेशल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।
लोकसभा चुनाव-2019 के चुनावी शपथ पत्र में प्रज्ञा सिंह ने बताया कितने आपराधिक मामले हैं दर्ज
चुनावी शपथ पत्र में प्रज्ञा सिंह ने बताया था कि उनके ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास और कथित आतंकवादी कृत्य के मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ आजाद नगर पुलिस थाना मालेगांव जिला नासिक में साल 2008 में एफआईआर दर्ज हुई थी। स्पेशल एनआईए न्यायालय मुंबई में यह केस चल रहा है। उन पर धारा 18 अन लॉ फुल एक्टिविटीज एक्ट 1967 एवं सह पठित धारा 120 बी के तहत कथित हत्या, हत्या का प्रयास और आतंकवादी कृत्य के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन किसी भी मामले में उन पर दोष सिद्ध नहीं हुआ है।