प्रभात गुप्ता हत्याकांडः केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी, सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी और राकेश डालू को राहत, जानें क्या है मामला

By राजेंद्र कुमार | Published: May 19, 2023 06:21 PM2023-05-19T18:21:58+5:302023-05-19T18:26:25+5:30

Prabhat Gupta murder case: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में 8 जुलाई 2000 को छात्र नेता प्रभात गुप्ता को गोली मार दी गई थी.

Prabhat Gupta murder case Relief Minister Ajay Mishra Teni, Subhash Mama, Shashi Bhushan Pinky and Rakesh Dalu Student leader Prabhat Gupta shot dead 2000  | प्रभात गुप्ता हत्याकांडः केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी, सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी और राकेश डालू को राहत, जानें क्या है मामला

निचली अदालत ने साल 2004 में सबूतों की कमी के चलते टेनी को बरी कर दिया था.

Highlights पंचायत चुनावों को लेकर टेनी की प्रभात गुप्ता से अनबन हो गई थी.प्रभात के पिता ने इस हत्या का आरोप अजय मिश्रा उर्फ टेनी पर लगाया था. निचली अदालत ने साल 2004 में सबूतों की कमी के चलते टेनी को बरी कर दिया था.

लखनऊः इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 23 साल पुराने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया. न्यायालय ने टेनी को बरी किए जाने के खिलाफ दाखिल राज्‍य सरकार की अपील को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें टेनी को बरी किया गया था.

अदालत ने अजय मिश्रा के साथ-साथ इस मामले में सह आरोपी सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी और राकेश डालू को भी बरी किया है. हाईकोर्ट का यह फैसला टेनी को राहत पहुंचाने वाला है. गौरतलब है कि यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में 8 जुलाई 2000 को छात्र नेता प्रभात गुप्ता को गोली मार दी गई थी.

प्रभात गुप्ता की हत्या टिकोनिया इलाके में उसी के घर के पास की गई थी. इसका आरोपी टेनी को बनाया गया था. टेनी पर आरोप था कि पंचायत चुनावों को लेकर टेनी की प्रभात गुप्ता से अनबन हो गई थी और इसी के चलते तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्होंने छात्र नेता प्रभात गुप्ता की हत्या कर दी.

प्रभात के पिता ने इस हत्या का आरोप अजय मिश्रा उर्फ टेनी पर लगाया था. हालांकि निचली अदालत ने साल 2004 में सबूतों की कमी के चलते टेनी को बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया. राज्य सरकार इस तर्क के साथ हाई कोर्ट में पहुंची थी कि निचली अदालत ने चश्मदीदों के बयानों को नजरअंदाज करते हुए टेनी को बरी किया था.

इस हाई प्रोफाइल मामले में 23 साल बाद शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला ने सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए टेनी को बरी कर दिया. इससे पहले इन मामले में तीन बार फैसला सुरक्षित रखा जा चुका था. फिलहाल हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद प्रभात गुप्ता के भाई काफी नाखुश हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. 

Web Title: Prabhat Gupta murder case Relief Minister Ajay Mishra Teni, Subhash Mama, Shashi Bhushan Pinky and Rakesh Dalu Student leader Prabhat Gupta shot dead 2000 

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