नोएडा: दो मुठभेड़ों के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किए तीन बदमाश
By भाषा | Published: August 4, 2019 02:17 AM2019-08-04T02:17:21+5:302019-08-04T02:17:21+5:30
अधिकारियों ने कहा कि पिछले छह दिन में जिले में पुलिस और बदमाशों के बीच नौ मुठभेड़ हुईं, जिनमें भाड़े के दो हत्यारों समेत लगभग एक दर्जन अपराधियों को पकड़ा गया है।
नोएडा (उत्तर प्रदेश) गौतमबुद्ध नगर में कथित रूप से व्यापारियों को लूटने के मामलों में शामिल एक गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उन्हें शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात हुई दो मुठभेड़ों के बाद गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किये गए बदमाशों में फर्रुखाबाद निवासी राज ठाकुर उर्फ राजू और मथुरा निवासी पवन सिंह तथा राकेश सिंह शामिल हैं जबकि उनके गिरोह के तीन अन्य सदस्यों की पहचान सुबोध कुमार, गोविंद और मोहन शाह के रूप में हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि पिछले छह दिन में जिले में पुलिस और बदमाशों के बीच नौ मुठभेड़ हुईं, जिनमें भाड़े के दो हत्यारों समेत लगभग एक दर्जन अपराधियों को पकड़ा गया है। गौतम बुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्णा ने कहा कि पुलिस ने सालरपुर में जांच के दौरान दो मोटरसाइकिलों पर सवार चार लोगों को पूछताछ के लिये रुकने को कहा तो पिछली सीट पर बैठे बदमाश पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाते हुए फरार हो गए।
उन्होंने कहा कि दो बदमाश अपाचे मोटरसाइकिल पर थे, जिनका सेक्टर 39 पुलिस और स्टार-2 (अपराध शाखा) की संयुक्त टीम ने पीछा किया। इस दौरान हाजीपुर के निकट पुलिस और बदमाशों की बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। एसएसपी ने कहा कि आरोपी राजू पुलिस की गोली से घायल हो गया जबकि उसका साथी पवन फरार हो गया।
कृष्णा ने कहा, "राजू को अस्पताल ले जाया गया और इलाके में तलाशी अभियान चलाकर पवन को भी पकड़ लिया गया।" एसएसपी ने कहा कि पूछताछ के दौरान सामने आया कि वे 27 जुलाई को रजनीगंधा चौक पर हुई लूट की एक वारदात में शामिल थे, जिसमें वे नौ लाख रुपये लूटकर फरार हो गए थे। इस बीच सेक्टर-58 की एक पुलिस टीम और स्टार-1 (अपराध शाखा) को दो बाइक सवार बदमाशों को लेकर सतर्क किया गया।
कृष्णा ने कहा, "राकेश और मोहन सिंह को रेडिसन होटल के निकट पूछताछ के लिये रुकने को कहा गया, इस बार भी उन्होंने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस की ओर से चलाई गई गोली में दोनों घायल हो गए।" राकेश को पकड़ लिया गया, लेकिन मोहन सिंह भागने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा, "चारों आरोपी और उनका साथी सुबोध, व्यापारियों, वितरकों और उद्योगपतियों को निशाना बनाते थे। उन्होंने अब तक एक दर्जन मामलों में शामिल होने की बात कबूल की है जबकि उनके आपराधिक इतिहास के बारे में अन्य जानकारियां जुटाई जा रही हैं।"