PFI BAN: केरल हाईकोर्ट ने कहा-पीएफआई जिम्मेदार, 5.2 करोड़ रुपये जमा कराएं, हड़ताल हिंसा के कारण संपत्ति नुकसान

By भाषा | Published: September 30, 2022 10:57 AM2022-09-30T10:57:43+5:302022-09-30T10:59:44+5:30

PFI BAN: अदालत ने कहा कि हड़ताल के दौरान हुई हिंसा के लिए पीएफआई को निश्चित तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मुआवजे की इस राशि का आकलन केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और राज्य सरकार की ओर से किया गया है।

PFI BAN Kerala High Court said PFI responsible deposit Rs 5-2 crore property damage due strike violence | PFI BAN: केरल हाईकोर्ट ने कहा-पीएफआई जिम्मेदार, 5.2 करोड़ रुपये जमा कराएं, हड़ताल हिंसा के कारण संपत्ति नुकसान

23 सितंबर को हालात से निपटने को लेकर पुलिस ने निष्क्रिय भूमिका निभाई।

Highlights केएसआरटीसी ने क्षतिपूर्ति की इस राशि की मांग की है।संगठन के पूर्व महासचिव अब्दुल सत्तार को आरोपी बनाया जाए।23 सितंबर को हालात से निपटने को लेकर पुलिस ने निष्क्रिय भूमिका निभाई।

कोच्चिः केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसके पूर्व महासचिव को निर्देश दिया कि वे गत 23 सितंबर को हड़ताल संबंधी हिंसा के कारण संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर गृह विभाग में क्षतिपूर्ति के रूप में 5.2 करोड़ रुपये जमा करायें।

अदालत ने कहा कि हड़ताल के दौरान हुई हिंसा के लिए पीएफआई को निश्चित तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मुआवजे की इस राशि का आकलन केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) और राज्य सरकार की ओर से किया गया है। बसों को हुए नुकसान और सेवाओं में कटौती को लेकर केएसआरटीसी ने क्षतिपूर्ति की इस राशि की मांग की है।

अदालत ने चिंता जताया कि राज्य प्रशासन ने हड़ताल आयोजकों को अनुचित मांग के साथ आगे बढ़ने और सड़क जाम करने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया, जबकि वर्ष 2019 का उच्च न्यायालय का आदेश इसके खिलाफ है। अदालत ने कहा कि हड़ताल संबंधित हिंसा और संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर दर्ज सभी मामलों में संगठन के पूर्व महासचिव अब्दुल सत्तार को आरोपी बनाया जाए।

न्यायमूर्ति ए के जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास सी पी की पीठ ने निर्देश दिया कि मजिस्ट्रेट या सत्र अदालतों को हड़ताल संबंधी हिंसा के किसी भी आरोपी की जमानत पर विचार करते समय ऐसी शर्त लगानी चाहिए कि उन्हें कोई राहत देने से पहले उनके द्वारा किये गये नुकसान की क्षतिपूर्ति पर जोर दिया जा सके।

अदालत ने कहा कि मीडिया की खबरों से खुलासा होता है कि 23 सितंबर को हालात से निपटने को लेकर पुलिस ने निष्क्रिय भूमिका निभाई। अदालत ने कहा कि निर्धारित समय के भीतर राशि जमा करने में विफल रहने पर राज्य सरकार पीएफआई और अब्दुल सत्तार समेत इसके अन्य कार्यकर्ताओं की संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजस्व वसूली अधिनियम के तहत तत्काल कदम उठाएगी, ताकि 5.2 करोड़ रुपये की वसूली की जा सके।

अदालत ने कहा क प्रतिवादी आगे भी इस तरह की राशि के लिए उत्तरदायी होंगे जो दावा आयुक्त के समक्ष न्यायिक कार्यवाही के दौरान दावेदारों के पक्ष में देय पाई जाती हैं। अदालत ने पीडी सारंगधरन को दावा आयुक्त नियुक्त किया और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनका कार्यालय तीन सप्ताह के भीतर पूरी तरह काम करने लगे।

केएसआरटीसी ने अपनी यचिका में यह दलील दी है कि हड़ताल बिना कोई अग्रिम सूचना दिए की गई, जो कि उच्च न्यायालय के उन आदेशों का उल्लंघन है जिसके तहत अचानक की जाने वाली हड़ताल को अवैध करार देते हुए कहा गया था कि इसके लिए सात दिन पूर्व नोटिस देना होगा। परिवहन निगम की ओर से दावा किया गया कि हड़ताल के हिंसक होने से 58 बसों में खिड़कियों के शीशों और सीटों को नुकसान पहुंचाया गया तथा उसके 10 कर्मचारियों के अलावा एक यात्री भी घायल हुआ। 

Web Title: PFI BAN Kerala High Court said PFI responsible deposit Rs 5-2 crore property damage due strike violence

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