विश्व पर्यावरण दिवस पर रोपे थे पौधे, जानिए अब पुलिस हाथ धोकर क्यों पड़ गई है पीछे
By अभिषेक पारीक | Published: June 7, 2021 04:17 PM2021-06-07T16:17:41+5:302021-06-07T16:17:41+5:30
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया गया। कोविड-19 से कारण पाबंदियों के बाद भी कई लोगों ने पौधरोपण किया। हालांकि केरल में पौधरोपण करने वाले कुछ लोगों को पुलिस जोर-शोर से तलाश रही है।
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया गया। कोविड-19 से कारण पाबंदियों के बाद भी कई लोगों ने पौधरोपण किया। हालांकि केरल में पौधरोपण करने वाले कुछ लोगों को पुलिस जोर-शोर से तलाश रही है। केरल के कोल्लम जिले के मंगड के पास कुछ लोगों ने भांग के पौधे रोपे थे और इनकी तस्वीरें पोस्ट की थी। जिसक बाद से ही आबकारी पुलिस ने उन लोगों की तलाश शुरू कर दी है।
इस मामले की सूचना मिलने के बाद आबकारी विभाग ने मंगड बाईपास पुल के नीचे तलाशी शुरू की। हालांकि अधिकारियों के मौके पर पहुंचने से पहले ही पौधे हटा लिए गए थे। आबकारी अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों को भी यहां की गतिविधियों को लेकर संदेह हुआ। सहायक आबकारी आयुक्त बी सुरेश ने बताया कि भांग पौधे लगाने वालों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
एक व्यक्ति पर जताया जा रहा शक
बताया जा रहा है कि यह पौधे 30 से 60 सेंटीमीटर लंबे थे। इस मामले में कंडाचिरा के रहने वाले एक व्यक्ति संदेह के घेरे में है। वह पहले भी भांग से जुड़े मामले में आरोपी था।
भारत में प्रतिबंधित है भांग की खेती
भारत सरकार ने 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत भांग की खेती पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि इस अधिनियम के तहत राज्य सरकारों को औद्योगिक अथवा बागवानी के उद्देश्यों के लिए भांग की अनियंत्रित और विनियमित खेती की अनुमति है। इसका व्यापक पैमाने पर उपयोग चरस और गांजा जैसे मादक पदार्थो को बनाने में किया जाता है। हालांकि इसका कई तरह की दवाइयों में भी इस्तेमाल किया जाता है।